माता वैष्णोदेवी की यात्रा 14 सितम्बर से पुनः आरम्भ !

माता वैष्णोदेवी के दर्शनों के लिए इंतज़ार कर रहे श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है कि खराब मौसम की स्थिति और मार्ग की आवश्यक मरम्मत कार्य के कारण अस्थायी रूप से रोकी गई यात्रा अब 14 सितम्बर से पुनः शुरू होगी, बशर्ते मौसम अनुकूल रहा, यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गयी।

कटरा (जम्मू और कश्मीर), 12 सितम्बर 2025 ! माता वैष्णोदेवी के दर्शनों के लिए इंतज़ार कर रहे श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है कि खराब मौसम की स्थिति और मार्ग की आवश्यक मरम्मत कार्य के कारण अस्थायी रूप से रोकी गई यात्रा अब 14 सितम्बर से पुनः शुरू होगी, बशर्ते मौसम अनुकूल रहा, यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गयी।

यात्रियों को सलाह दी गयी है कि वे वैध पहचान पत्र अपने साथ रखें, निर्धारित मार्गों का पालन करें और ज़मीनी स्टाफ के साथ सहयोग करें। रेडियो फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) आधारित ट्रैकिंग पारदर्शिता और खो जाने की स्थिति में श्रद्धालुओं का पता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यकता अनिवार्य बनी रहेगी।

श्रद्धालु लाइव अपडेट, बुकिंग सेवाएँ और हेल्पलाइन सपोर्ट के लिए श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।

श्राइन बोर्ड ने सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद व्यक्त किया है कि उन्होंने अस्थायी निलंबन के दौरान धैर्य और समझदारी दिखायी। बयान में कहा गया, “यात्रा का पुनः आरंभ हमारी सामूहिक आस्था और प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि है।”

खराब मौसम और क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलनों के कारण माता वैष्णो देवी के पवित्र धाम की तीर्थयात्रा दो सप्ताह से स्थगित थी। भूस्खलनों के कारण धाम तक जाने वाले रास्ते अवरुद्ध हो गये थे, जिससे श्रद्धालुओं का वहाँ पहुँचना असुरक्षित हो गया था। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई जगहों पर भूस्खलन और सड़क क्षति की वजह से बाधित है, जिससे आवागमन और मुश्किल हो गया है।

ज्ञातव्य है कि वैष्णो देवी यात्रा को 26 अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद रोक दिया गया था, जिसमें 34 लोगों की मौत हो गयी थी और कई घायल हुए थे। यह हादसा 26 अगस्त को दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जब भारी बारिश के चलते एक बड़ा भूस्खलन इंदरप्रस्थ भोजनालय, अर्धकुवारी के पास हुआ। यह स्थान कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर लंबी यात्रा के लगभग आधे रास्ते पर है।

लंबे समय तक यात्रा के स्थगन से श्रद्धालुओं में निराशा फैल गयी और स्थानीय कारोबारियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जो इस यात्रा पर निर्भर रहते हैं। वे सभी इस पवन यात्रा के पुनः आरम्भ होने कि प्रतीक्षा कर रहे हैं।