
नाबालिग लड़की से बलात्कार के प्रयास के आरोपी ने कथित रूप से आत्महत्या की !
आंध्र प्रदेश पुलिस पुलिस के अनुसार आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले के तुनी कस्बे में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के प्रयास के मामले में आरोपी ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली है । हालाँकि आरोपित के परिजन इसे हत्या मान रहे हैं।
काकीनाडा (आंध्र प्रदेश), 23 अक्टूबर 2025 ! आंध्र प्रदेश पुलिस पुलिस के अनुसार आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले के तुनी कस्बे में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के प्रयास के मामले में आरोपी ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली है । हालाँकि आरोपित के परिजन इसे हत्या मान रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि यह घटना बुधवार रात करीब 10:30 बजे तुनी कस्बे के बाहरी इलाके में स्थित कोमाटी चेरुवु झील के पास हुई। आरोपी की पहचान ताटिका नारायण राव (६२ वर्ष) के रूप में की गयी है। बताया जाता है कि वह पूर्व नगर परिषद् सदस्य था, जबकि 13 वर्षीय (कक्षा 8) पीड़िता एक “गुरुकुल” छात्रावास स्कूल की छात्रा है। आरोपी ने कथित रूप से छात्रा को स्कूल से बहकाकर बाहर ले गया और एक पब्लिक गार्डन/आवरण में ले जाकर उस पर यौन हिंसा या बलात्कार का प्रयास किया।
इंस्पेक्टर रामकृष्ण ने कहा , “उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने के लिए ले जाया जा रहा था कि उसने खुद को हल्का करने के लिए रुकने को कहा। जब जीप रुकी, तो वह अचानक झील में कूद गया। हमें शक है कि यह आत्महत्या का मामला है !” उसकी बॉडी अगले दिन सुबह झील से निकाली गयी।
इस बीच, आंध्र प्रदेश राज्य महिला आयोग ने नाबालिग गुरुकुल छात्रा के साथ हुए बलात्कार के प्रयास के मामले में स्वतः संज्ञान (सुओ मोटू) लिया है। महिला आयोग ने बलात्कार के प्रयास की इस घटना पर गहरी पीड़ा व्यक्त की है।
आंध्र प्रदेश के महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. रायपति शैलज ने काकीनाडा जिला पुलिस अधीक्षक से बात की और निर्देश दिया कि दोषी पर बाल यौन अपराध संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाए। जिला कलेक्टर कार्यालय और बाल कल्याण समिति को भी आदेश जारी किए गये हैं कि वे पीड़िता को तुरंत सुरक्षा, चिकित्सीय सहायता और कानूनी मदद प्रदान करें।
आयोग ने जिला पुलिस विभाग से 48 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और आंध्र प्रदेश सामाजिक कल्याण आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी (APSWEIS) को गुरुकुल स्कूलों में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का निर्देश दिया है।
डॉ. शैलजा ने कहा कि आयोग जाँच की बारीकी से निगरानी करेगा ताकि न्याय में किसी भी तरह की देरी न हो और पीड़िता को समय पर न्याय मिल सके।