असम से जुड़े मामले में हिज़्बुल मुजाहिदीन के आतंकी को आजीवन कारावास की सजा !

असम से जुड़े हिज़्बुल मुजाहिदीन (एचएम) आतंकी साजिश मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने मुख्य आरोपी  मोहम्मद कमरुज ज़मान को दोषी ठहराया है। अदालत ने लोगों के मन में आतंक फैलाने के कृत्य के लिए उसे अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

नई दिल्ली , 31 दिसंबर 2025 ! असम से जुड़े हिज़्बुल मुजाहिदीन (एचएम) आतंकी साजिश मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने मुख्य आरोपी  मोहम्मद कमरुज ज़मान को दोषी ठहराया है। अदालत ने लोगों के मन में आतंक फैलाने के कृत्य के लिए उसे अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मंगलवार को असम के गुवाहाटी स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने आरोपित को दोषी करार देते हुए साधारण कारावास की सजा सुनाई।

आरोपित मोहम्मद कमरुज ज़मान उर्फ़ डॉ. हुरैरा उर्फ़ कमरुद्दीन को तीन अलग-अलग मामलों में साधारण कारावास की सजा दी गई है, जिनमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास है। सभी सजाएँ साथ-साथ चलेंगी।

इन सज़ाओं में गैरकानूनी गति विधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 18 के तहत आजीवन कारावास तथा धारा 18बी यूए(पी)ए, 1967 को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के साथ पढ़ते हुए प्रत्येक में पाँच वर्ष का साधारण कारावास, और यूए(पी)ए की धारा 38 के तहत सजा शामिल है।

अदालत ने आरोपी पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में तीनों मामलों में प्रत्येक के लिए तीन महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।

यह मामला (आरसी 08/2018/एनआईए–जीयूडब्ल्यू) असम के होजाई जिले के जमुनामुख से जुड़ा है, जिसमें 2017–18 के दौरान असम में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित हिज़्बुल मुजाहिदीन (एचएम) आतंकी संगठन का एक मॉड्यूल खड़ा करने की साजिश रची गई थी।

इस साजिश का उद्देश्य लोगों के मन में आतंक पैदा करना था। एनआईए की जाँच  के मुताबिक, कमरुज ज़मान ने इस उद्देश्य से शहनवाज़ आलम, सैदुल आलम, उमर फारूक सहित अन्य लोगों की भर्ती की थी।

आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने मार्च 2019 में इस मामले में पाँच  लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। इनमें से शहनवाज़ आलम, सैदुल आलम और उमर फारूक ने दोष स्वीकार करने के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया, जबकि पाँचवें आरोपी जयनालउद्दीन की मुकदमे के दौरान बीमारी के कारण मृत्यु हो गई।