शिक्षा मंत्री के क्षेत्र के स्कूल में ही विद्यार्थियों को अब तक नहीं मिले पाठयपुस्तक
राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार के दावे किए जाते रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि राज्य शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पांशेरिया के चुनावी क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल के विद्यार्थी बिना किताबों के ही पढ़ाई करने को मजबूर है
सूरत। राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार के दावे किए जाते रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि राज्य शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पांशेरिया के चुनावी क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल के विद्यार्थी बिना किताबों के ही पढ़ाई करने को मजबूर है। शिक्षा सत्र शुरू होने में तीन महीने हो चुके हैं लेकिन विद्यार्थियों को अब तक किताबे नहीं मिली है।
यह स्कूल है कामरेज विधानसभा क्षेत्र के कठोदरा में। मनपा के सीमांकन के बाद शहर में शामिल यह राज्य शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पांशेरिया के चुनावी क्षेत्र में आता है। तीन महीने पहले यह स्कूल के नए भवन का खुद शिक्षा मंत्री ने लोकार्पण किया था। इस बीच आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने दावा किया है कि शिक्षा सत्र शुरू होने के तीन महीने बाद भी यहां के 100 से अधिक विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक नहीं मिले हैं। विद्यार्थियों और अभिभावकों की ओर से शिकायत मिलने पर गुरुवार को आप पार्षद महेश अनघन और शिक्षण समिति के सदस्य राकेश हिरपरा जब इस स्कूल का दौरा किया तो यह हकीकत सही पाई गई। राज्य सरकार की ओर से नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें समेत की शिक्षा सामग्री दी जाती है लेकिन अब तक इस स्कूल में यह सामग्री नहीं पहुंची है। इस पर विपक्षी पार्षदों ने सत्ता पक्ष भाजपा की कार्यनीति पर सवाल खड़े किए हैं और आरोप लगाया कि एक ओर जहां लोग अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला करवा रहे हैं तब भाजपा सरकार नहीं चाहती की बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़े। इस लिए इस तरह विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक से वंचित रखा जा रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि यह स्कूल राज्य शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पांशेरिया के चुनावी क्षेत्र में है तब यदि शिक्षा मंत्री क्षेत्र की स्कूलों में इस तरह के हाल है तो अन्य स्कूलों की क्या दशा होगी यह कहना मुश्किल है।