गुजरात देश का तो सूरत गुजरात का ग्रोथ इंजन : मुख्यमंत्री

सूरत इकोनोमिक रिजियन के इकोनोमिक डेवलपमेंट प्लान का मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किया लॉन्चिंग
सूरत और आसपास के नवसारी, भरूच, डांग, तापी और वलसाड जिलों को ‘ग्रोथ हब’ के रूप में विकसित करने की योजना

सूरत। वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के निर्माण के विजन को साकार करने के लिए, नीति आयोग के नेतृत्व में केंद्र सरकार की भारत में सबसे तेजी से बढ़ते महत्वपूर्ण शहरों और उनके आसपास के क्षेत्रों को “ग्रोथ हब्स” के रूप में विकसित करने की योजना है ताकि मेगा इकोनोमिक ग्रोथ हब किया जा सके। जिसमें सूरत और इसके आसपास के नवसारी, भरूच, डांग, तापी और वलसाड जिलों को ‘ग्रोथ हब’ के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है, जिसके एक भाग के रूप में ‘सूरत इकोनोमिक रिजियन’ की आर्थिक विकास योजना जिसमें ये 6 जिले शामिल हैं। गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सूरत सहित दक्षिण गुजरात के इकोनॉमिक मास्टर प्लान का लॉन्चिंग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुजरात देश और सूरत गुजरात का ग्रोथ इंजन है। इस अवसर पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल, राज्य के वित्त मंत्री कनु देसाई, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी सहित विधायक शामिल थे।

सुबह 10 बजे ली मेरिडियन होटल, डुमास रोड, सूरत में लॉन्च के मुख्य कार्यक्रम के बाद इकोनोमिक रिजीयन, अर्बन, हायर एज्युकेशन, पर्यटन, सस्टेनबिलिटी एन्ड क्लाइमेंट चेंज, विकसित भारत का विजन, भारत बाजार जैसे विषयों पर सेमिनार आयोजिए किए गए। जिसमें विशेषज्ञ वक्ता, संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ संबोधित करेंगे। जिसमें उद्योगपति, शिक्षाविद, हीरा-कपड़ा, डाइंग एन्ड प्रीटिंग, जेम्स एन्ड ज्वैलरी, स्वास्थ्य, होटल एसो., सहकारी क्षेत्र, चीनी मिलें, एपीएमसी, खाद्य प्रसंस्करण, इक्वा फार्मिंग, जीआईडीसी अध्यक्ष, क्रेडाई, सीए, सौर ऊर्जा से जुड़े विभिन्न क्षेत्र के प्रतिनिधि मौजूद थे।

सूरत को ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने के लिए अगले 50 वर्षों के विजन के साथ इस आर्थिक विकास योजना में आर्थिक, सामाजिक, औद्योगिक, शैक्षणिक, सड़क कनेक्टिविटी विभिन्न विकास मानदंडों को आधार बनाया गया है। योजना में आर्थिक, कौशल प्रशिक्षण, डेयरी-फार्मिंग, औद्योगिक, प्रत्येक शहर-जिले का आदिवासी विकास, शहर की विशेषताएं, भौगोलिक स्थिति, भविष्य की विकास क्षमता जैसे कई क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।