वेटिंग पीरियड का कारण बताकर क्लेम चुकाने से इनकार करने वाली बीमा कंपनी को कोर्ट से झटका
ग्राहक कोर्ट ने क्लेम की राशि ब्याज समेत चुकाने का दिया आदेश
सूरत. हादसे के दौरान हुई चोट के उपचार का क्लेम वेटिंग पीरियड का कारण देकर नामंजूर करने वाली बीमा कंपनी को उपभोक्ता कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने बीमाधारक की शिकायत अर्जी मंजूर करते हुए बीमा कंपनी को क्लेम की राशि 1,11,318 रुपए ब्याज समेत चुकाने का आदेश दिया।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता श्रेयस देसाई के मुताबिक, उनके मुवक्किल गोविंद जेताणी ने उपभोक्ता कोर्ट में एचडीएफसी एरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत की थी। गोविंद ने बीमा कंपनी से परिवार के लिए पॉलिसी खरीदी थी। इस दौरान मोटरसाइकिल फिसल ने गोविंद घायल हो गए थे और ऑर्थोपेडिक अस्पताल में उपचार करवाना पड़ा था। उपचार पर खर्च हुए 1,11,318 रुपए का क्लेम उन्होंने बीमा कंपनी के समक्ष पेश किया था लेकिन 24 महीने के वेटिंग पीरियड अभी पूरा नहीं होने का कारण बताते हुए बीमा कंपनी ने क्लेम चुकाने से इनकार कर दिया था। मामला उपभोक्ता कोर्ट में पहुंचने पर अधिवक्ता प्राची देसाई और ईशान देसाई ने दलीलें पेश करते हुए कोर्ट में कहा की बीमा पॉलिसी की कॉपी पर वेटिंग पीरियड के प्रावधान में स्पष्ट रूप से लिखा है कि बीमाधारक को हादसे के कारण इस तरह की चोट पहुंचती है तो वेटिंग पीरियड का प्रावधान लागू नहीं होता और बीमा कंपनी क्लेम चुकाने को बाध्य है। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने बीमाधारक की शिकायत अर्जी मंजूर कर ली और बीमा कंपनी को क्लेम की राशि 1,11,318 रुपए सालाना 8 फीसदी ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया।