महिला अधिवक्ता की आत्महत्या का मामला: ससुराल पक्ष के लोगों की अग्रिम जमानत अर्जी नामंजूर
दहेज प्रताड़ना से त्रस्त होकर अधिवक्ता ने की थी आत्महत्या
सूरत. दहेज प्रताड़ना से त्रस्त होकर महिला अधिवक्ता ने की आत्महत्या के मामले में आरोपित ससुराल पक्ष के लोगों को कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने पति, सास-ससुर और दोनों ननदों की अग्रिम जमानत अर्जी नामंजूर कर दी।
अधिवक्ता चेतना ने 5 जुलाई, 2024 को आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद मृतका के पिता की शिकायत पर पुलिस ने चेतना के पति, सास-ससुर और दोनों ननदों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर लिया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए सभी आरोपियों ने सूरत सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रीति जोशी पेश हुई और जमानत अर्जियों के खिलाफ दलीलें पेश की। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखते हुए सभी आरोपियों की अर्जियां खारिज कर दी।