वॉचमैन की लापरवाही एजेंसी को पड़ी भारी, कार डीलर को चुकाने होंगे 4.73 लाख
राज्य उपभोक्ता कोर्ट ने अनोखे मामले में सुनाया फैसला
वॉचमैन ने पेमेंट स्वीकृत का सिक्का देखे बिना जाने दिए थे रिपेयर के लिए आए वाहन
सूरत. वॉचमैन की लापरवाही से कार डीलर को हुए लाखों रुपए के नुकसान के एक मामले में राज्य उपभोक्ता कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने नुकसान के लिए सुरक्षा एजेंसी को जिम्मेदार मानते हुए मुआवजे के तौर पर कार डीलर को 4.73 लाख रुपए चुकाने का एजेंसी को आदेश दिया। कोर्ट ने जिला उपभोक्ता कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील अर्जी भी खारिज कर दी।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता श्रेयस देसाई के मुताबिक, उनके मुवक्किल नाणावटी मोटर्स प्रा.ली ने अभेसिंह परमार के खिलाफ उपभोक्ता कोर्ट में शिकायत की थी। दरअसल, नाणावटी मोटर्स ने अपने यहां सुरक्षा के लिए अभेसिंह परमार के साथ करार कर काम सौंपा था। जिसके तहत एजेंसी के संचालक और उनके कर्मचारी की जिम्मेदारी थी कि वे गेट पास बिना और उसके पर अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर व पेमेंट स्वीकृति का सिक्का देखने के बाद ही वाहनों को बाहर जाने देना था। जब सीए की ओर से ऑडिट किया गया तो खुलासा हुआ कि सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों ने 31 वाहनों को बिना गेट पास और पेमेंट रिसिव के सिक्के बिना ही जाने दिया है। यह वाहनों से 4.73 लाख रुपए चार्जिस वसूलने बाकी थे, जो शिकायतकर्ता को नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ था। जिससे उन्होंने सुरक्षा एजेंसी के संचालक को यह नुकसान की राशि चुकाने की मांग की थी, लेकिन संचालक ने चुकाने से इनकार कर दिया था। जिससे उन्होंने अधिवक्ता श्रेयस देसाई के जरिए ग्राहक कोर्ट में शिकायत की थी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता श्रेयस देसाई ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता कंपनी के चल-अचल संपत्ति की सुरक्षा के लिए एजेंसी की सेवा ली गई थी और ऐसे में कंपनी के हितों का रक्षण करना सिक्योरिटी एजेंसी की जिम्मेदारी थी। जो गाइडलाइन और सूचनाएं शोरूम संचालकों की ओर से दिए गए थे उसका पालन करना एजेंसी और एजेंसियों के कर्मचारियों की जिम्मेदारी थी, लेकिन एजेंसी के कर्मचारी की लापरवाही के कारण 31 वाहनों को बिना गेट पास जाने दिया गया और उससे 4.73 लाख रुपए का नुकसान हुआ। ऐसे में यह नुकसान चुकाने के लिए एजेंसी जिम्मेदार है। सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता कोर्ट ने शिकायतकर्ता की अर्जी मंजूर करते हुए नुकसान के मुआवजे के तौर पर 4.73 लाख रुपए ब्याज समेत चुकाने का सुरक्षा एजेंसी को आदेश दिया था। इस आदेश से नाराज होकर एजेंसी की ओर से राज्य उपभोक्ता कोर्ट में अपील की गई थी लेकिन राज्य उपभोक्ता कोर्ट ने भी निचली कोर्ट के आदेश को सही माना और सुरक्षा एजेंसी को मुआवजे के तौर पर राशि चुकाने का आदेश दिया।