प्रधानमंत्री की पाँच देशों की 8 दिवसीय यात्रा की रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  2 जुलाई को अपनी पाँच‑देशों की यात्रा के लिए प्रस्थान किया  था। आठ दिन की यह यात्रा डिप्लोमैटिक रूप से पिछले दस वर्षों में पीएम मोदी की सबसे लंबी यात्रा है जो 2 जुलाई से 9 जुलाई 2025 तक चलेगी। इस यात्रा में वे पाँच देशों,घाना, त्रिनिदाद और बारबाडोस, अर्जेंटीना , ब्राज़ील एवं नामीबिया के भ्रमण पर निकले हैं।

प्रधानमंत्री की 8 दिवसीय यात्रा कार्यक्रम की नवीनतम रिपोर्ट :-

नयी दिल्ली !  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  2 जुलाई को अपनी पाँच‑देशों की यात्रा के लिए प्रस्थान किया  था। आठ दिन की यह यात्रा डिप्लोमैटिक रूप से पिछले दस वर्षों में पीएम मोदी की सबसे लंबी यात्रा है जो 2 जुलाई से 9 जुलाई 2025 तक चलेगी।

इस यात्रा के प्रथम चरण में वे अफ़्रीकी देश घाना पहुँचे ! एक्रा एयरपोर्ट पर घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामामी महामा ने उनका गर्मजोशी स्वे भव्य स्वागत किया ! उन्हें 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया ! मोदी राष्ट्रपति महामा ने निमंत्रण पर ही घाना पहुँचे हैं !

प्रधानमंत्री मोदी ने को घाना के एक्रा स्थित एनक्रूमा मेमोरियल पार्क का दौरा किया जहाँ उन्होंने  डॉ. क्वामे एनक्रूमा, घाना के संस्थापक राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि अर्पित की।   उनके साथ घाना की उपराष्ट्रपति प्रो. नाना जेन ओपोकू-अग्येमांग भी थीं।

डॉ. क्वामे एनक्रूमा अफ्रीकी स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रतिष्ठित नेता  थे ! उन्होंने गोल्ड कोस्ट (घाना का पुराना नाम) को 1957 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभायी ।  देश के स्वतंत्र  होने के बाद वे उसके प्रथम प्रधानमंत्री बने और बाद में पहले राष्ट्रपति भी बने।  इस उपलब्धि ने घाना को उप-सहारा अफ्रीका का पहला स्वतंत्र राष्ट्र भी बना दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, “ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से भी नवाजा गया। यह सम्मान राष्ट्रपति जॉन महामा ने उन्हें दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति और वहाँ की जनता का धन्यवाद करते हुए इसे “अपार गर्व का विषय” बताया और कहा  कि  यह मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है कि मुझे घाना के इस राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मैं इसे 1.4 अरब भारतीयों की ओर से विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूँ।  उन्होंने यह सम्मान भारत और घाना दोनों देशों के युवाओं को समर्पित करते हुए  कहा  कि  मैं यह पुरस्कार हमारे युवाओं की आकांक्षाओं, उनके उज्ज्वल भविष्य, हमारे समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं और भारत और घाना के ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित करता हूँ।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा पिछले 30 वर्षों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना की पहली यात्रा थी। अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति महामा के साथ बातचीत की और दोनों नेताओं ने अपने संबंधों को ‘व्यापक साझेदारी’ (Comprehensive Partnership) के स्तर तक ले जाने पर सहमति जतायी । भारत और घाना ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये । प्रधानमंत्री मोदी और घाना के राष्ट्रपति महामा ने वार्ता की  और अगले पाँच वर्षों में व्यापार दोगुना करने का निर्णय लिया ।

इस यात्रा का उद्देश्य भारत-घाना साझेदारी को और गहरा करना और अफ्रीका तथा वैश्विक दक्षिण के साथ भारत की निरंतर भागीदारी को प्रदर्शित करना है।

यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री 3 जुलाई को त्रिनिदाद  और टोबैगो  की यात्रा पर इस देश की  राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन पहुँचे।

आइये ! प्रधामंत्री के दौरे के विषय में जानने से पहले इस सुन्दर देश के बारे में भी कुछ जानकारी ले लें।

त्रिनिदाद और टोबैगो कैरिबियन सागर में स्थित एक द्वीप देश है, जो दक्षिण अमेरिका के उत्तर में तथा वेनेजुएला के पूर्व में स्थित है। यह देश मुख्य रूप से दो द्वीपों,  त्रिनिदाद और टोबैगो से मिलकर बना है। इसके अलावा कई छोटे द्वीप भी इस में शामिल हैं।   यह एक संप्रभु राज्य है, जिसका अर्थ है कि यह एक स्वतंत्र देश है जो ब्रिटिश सम्राट को अपना राष्ट्राध्यक्ष मानता है। लगभग 14 लाख की  जनसंख्या वाले इस देश की – राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन  तथा आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है।

यह द्वीप-देश अपनी समृद्ध संस्कृति, विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। देश में कई सुंदर समुद्र तट, वर्षावन और वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल हैं।

मुख्य रूप से ऊर्जा क्षेत्र पर आधारित अर्थव्यवस्था  वाला, तेल और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडारों से युक्त यह देश  त्रिनिदाद और टोबैगो विकसित देशों  की श्रेणी में गिना जाता है।

इस विषय में एक रोचक बात यह है कि आम तौर पर लोग वेस्टइंडीज को एक देश समझते हैं। लेकिन तथ्य यह है कि  वेस्टइंडीज एक क्षेत्र है जिसमें कैरिबियन सागर में स्थित कई द्वीप शामिल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख द्वीप हैं  –  जमैका, त्रिनिदाद और टोबैगो, बारबाडोस,  सेंट लूसिया, ग्रेनेडा, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, एंटीगुआ और बारबुडा,  बहामास, डोमिनिका  तथा  सेंट किट्स और नेविस।

वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम में भी कई द्वीपों के खिलाड़ी शामिल होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख द्वीप हैं – जमैका, त्रिनिदाद और टोबैगो, बारबाडोस, ग्रेनेडा आदि।

अब हम अपने मुख्य विषय पर वापस लौटते हैं !

यहाँ (त्रिनिदाद और टोबैगो) में भी भारत के किसी भी प्रधानमंत्री का 1999 के बाद पहली बार दौरा है।  हालाँकि 25 वर्ष पूर्व नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन तब वे राजनीति से दूर थे। प्रधानमंत्री के इस दौरे पर उनके स्वागत में यहाँ  एक दिन की छुट्टी भी घोषित कर दी गयी।

3 जुलाई की संध्या काल में प्रधानमंत्री त्रिनिदाद एवं टोबैगो की राजधानी  पोर्ट ऑफ़ स्पेन पहुँचे ! एयरपोर्ट पर PM मोदी का भव्य स्वागत: वहॉँ की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर और उनके कैबिनेट अध्यक्षों ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया। तत्पश्चात उनका स्वागत लोक‑संगीत जैसे भोजपुरी चौताल, ढोल‑मंजीरे से हुआ, जिससे स्थानीय अप्रवासी समुदाय विशेष रूप से प्रभावित हुआ  ।

उसके बाद उन्होंने वहॉँ की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भाग लिया , जहाँ भारतीय प्रधानमंत्री ने,  हिंदू संस्कृति और भावनात्मक जुड़ाव के प्रतीक के रूप में  उन्हें अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति तथा प्रयागराज से महाकुंभ का पवित्र जल भेंट किया। स्वागत समारोह के भोज में स्थानीय संस्कृति में सम्मान और आत्मीयता के  प्रतीक के रूप में विशेष रूप से  “सोहारी पत्ते पर PM  मोदी को भोजन परोसा गया ।

मोदी जी को वहाँ के राष्ट्रमंडल सर्वोच्च सम्मान ‘Order of the Republic of Trinidad and Tobago’ से सम्मानित किया गया – उनके योगदान के लिए एक प्रतिष्ठित कृतज्ञता स्वरूप यह सम्मान प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर द्वारा सार्वजनिक समारोह में प्रदान किया गया, जिसमें दोनों देशों की पारंपरिक आत्मीयता और आपसी सम्मान स्पष्ट था ।

4 जुलाई  को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद को संबोधित किया ! उन्होंने PM कमला को “बिहार की बेटी” कहकर संबोधित किया। त्रिनिदाद‑टोबैगो में 180 वर्ष से अधिक पुरानी भारतीय डायस्पोरा की उपस्थिति को मोदी जी ने उल्लेखनीय बताया। अपने सम्बोधन में उन्होंने भारतीयों का वहां सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से बल लेने को भी विशेष महत्त्व दिया ।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगलू से भी भेंट की ।उल्लेखनीय है क़ि वहॉँ की  दोनों शीर्ष नेत्रिया भारतीय मूल की हैं ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेजबान देश के सर्वोच्च सम्मान ‘आर्डर ऑफ़ रिपब्लिक ऑफ़ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ (Order of the Republic of Trinidad and Tobago)  , पोर्ट ऑफ़ स्पेन में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में  त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगलू ने प्रदान किया ।

यह सम्मान उन्हें कोविद महामारी के समय दौरान उच्चतर मानवीयप्रयासों  के लिए दिया गया ।ज्ञातव्य है क़ि प्रधानमंत्री मोदी पहले विदेशी नेता हैं जिन्हें यह सम्मान मिला है ।

द्विपक्षीय संबंधों को ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, डिजिटल, निवेश और सांस्कृतिक क्षेत्रों में और सुदृढ़ करना इस यात्रा का प्रमुख लक्ष्य रहा  ।

त्रिनिदाद‑टोबैगो की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना ब्यूनस आयर्स 4–5 जुलाई 2025 की अवधि के लिए पहुँचे। एयर पोर्ट  पर उनका स्वागत अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई ने किया ! उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर भी  दिया गया !  यह उनकी मौजूदा पांच‑राष्ट्र यात्रा (2–9 जुलाई) का तीसरा चरण है, जिसके पहले वे घाना (2–3 जुलाई) और त्रिनिदाद एवं टोबैगो (3–4 जुलाई) गये थे ।

1968 में इंदिरा गांधी के बाद गत 57 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत के किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है ! इस दौरान मोदी ने राष्ट्रपति जैवियर मिलेई से मुलाकात के समय उच्च‑स्तरीय वार्ता द्विपक्षीय मंत्रिस्तरीय वार्ता और विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी पर बातचीत की। चर्चा में  मुख्य रूप से रक्षा, कृषि खनिज संपदा, लिथियम, तेल‑गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश विषयों पर वार्ता हुई !  अंतरिक्ष और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी दोनों देशों ने सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की ।

मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी General José de San Martín की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जहाँ उन्हें औपचारिक स्वागत समारोह में भाग लेने का अवसर मिला ।

उन्होंने राष्ट्रपति Javier Milei के साथ की, जिसमें दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग की समीक्षा और नए समझौतों की संभावनाओं पर चर्चा हुई ।

अर्जेंटीना से प्रधान मंत्री की  यात्रा का चौथा चरण ब्राज़ील पहुँच कर होगा ! ब्राज़ील क़ि राजधानी ब्रासीलिया में राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से द्विपक्षीय राजकीय वार्ता होगी !. तत्पश्चात रियो में प्रधानमंत्री मोदी 17वां BRICS शिखर सम्मेलन (6–7 जुलाई) में भाग लेंगे !

यात्रा के अंतिम , पाँचवें चरण के रूप में  8–9 जुलाई नामीबिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की राष्ट्रपति नेन्तुम्बो नंदी‑एनडाइटवाह से मुलाकात होगी ! वे वहॉँ की  संसद को संबोधित करेंगे !, ऊर्जा, रक्षा, वन्यजीव संरक्षण (जैसे ‘चीता प्रोजेक्ट’) पर गहन चर्चा होगी ! यात्रा के इस अंतिम चरण के बाद प्रधानमंत्री मोदी भारत लौट आएंगे !

 

 

 

 

 

 

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