
श्मिटेन चॉकलेट्स ने वात्सल्यपुरम अनाथाश्रम के बच्चों के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया ‘विश्व चॉकलेट दिवस’
श्मिटेन की टीम ने बच्चों के साथ चॉकलेट की मिठास बांटी और जो मनोरंजक व भावनात्मक समय बिताया वह बच्चों के जीवन की सबसे यादगार पल बन गया
सूरत. श्मिटेन चॉकलेट्स ने वात्सल्यपुरम अनाथाश्रम के बच्चों के साथ उत्साहऔर हर्ष की भावनाओं के साथ “विश्व चॉकलेट दिवस” मनाया। देश-दुनिया में मशहूर इस चॉकलेट ब्रांड ने बच्चों के साथ स्वादिष्ट चॉकलेट्स के साथ-साथ प्यार और भावनाओं की मिठास बांटी। साथ ही अपनी निरंतर चल रही CSR पहल के तहत श्मिटेन ने बच्चों के रहने की जगह को और भी बेहतर व सुविधाजनक बनाने के लिए दो एयर-कंडीशनर भी दान किए।
उत्सव की शुरुआत व्हिस्पर चैलेंज जैसे मजेदार खेलों से हुई, जिसमें “कच्चा पापड़, पक्का पापड़” जैसे शब्द समूहों ने सभी को हंसी-मजाक के साथ मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही, एक डांस फ्रीज चैलेंज ने पूरे माहौल में जबरदस्त ऊर्जा भर दी। श्मिटेन की टीम ने बच्चों के साथ ‘द श्मिटेन सॉन्ग’ पर डांस परफॉर्म किया और उन्हें मजेदार डांस मूव्स सिखाए, जिसने यहाँ उत्सव के साथ शुद्ध आनंद का वातावरण बनाया। वाकई, यह समय बच्चों के लिए जीवन की सबसे यादगार पलों में से एक बन गया।
इस उत्साहपूर्ण दिन का समापन सार्थक और प्रेरणादायक तरीके से करने के लिए प्रत्येक बच्चे को अपने नाम के साथ अपना सपना और बड़ा होकर वे क्या बनना चाहते हैं यह लिखने के लिए कहा गया। उनकी इन हृदयस्पर्शी आकांक्षाओं को अनाथाश्रम के अंदर एक विशेष दीवार पर चिपकाया गया, जो उनके लिए आशा और उद्देश्य की दैनिक याद दिलाने वाली दीवार बन गई। बच्चों के सपनों में शिक्षक, वैज्ञानिक, सीए, उद्योगपति बनने से लेकर फाइटर पायलट के रूप में देश की सेवा करने या वंचितों की मदद करने तक शामिल था। उनकी हर नोट संभावनाओं की ताकत की एक शक्तिशाली याद दिलाती थी।
राजहंस ग्रुप के चेयरमैन और श्मिटेन चॉकलेट्स के संस्थापक जयेश देसाई ने इस अवसर पर कहा कि “हमारा मानना है कि चॉकलेट सिर्फ एक ट्रीट या उपहार नहीं है, बल्कि यह लोगों को एक साथ लाने, आनंद के पल बनाने और प्रेरणा देने का एक तरीका है। यह विश्व चॉकलेट दिवस हमें याद दिलाता है कि दया, एक-दूसरे के साथ जुड़ाव और एक-दूसरे की परवाह करके हम जीवन और रिश्तों पर सबसे मीठा प्रभाव डाल सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “श्मिटेन में, हम न केवल अपनी चॉकलेट्स के माध्यम से बल्कि सार्थक कार्यों के जरिए खुशियां फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो वास्तव में समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता हैं।”