
स्वच्छ शहरों में सूरत फिरसे ऊपरी स्थान पर !
भारत के नगरों की स्वच्छता की परख के लिए 2016 से आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण के 2024-25 के संस्करण में इंदौर लगातार आठवीं बार एक बार फिर भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। वहीँ गुजरात के सूरत ने इस ‘सुपर स्वच्छ लीग’ श्रेणी में दूसरा स्थान हासिल किया। पिछले वर्ष 2023 में सूरत इंदौर के साथ ही संयुक्त रूप से प्रथम स्थान (joint winner) पर था।
नई दिल्ली, 17 जुलाई। भारत के नगरों की स्वच्छता की परख के लिए 2016 से आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण के 2024-25 के संस्करण में इंदौर लगातार आठवीं बार एक बार फिर भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। वहीँ गुजरात के सूरत ने इस ‘सुपर स्वच्छ लीग’ श्रेणी में दूसरा स्थान हासिल किया। तीसरे स्थान पर नवी मुंबई रहा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को नई दिल्ली में ये पुरस्कार प्रदान किये।
ज्ञातव्य है कि सूरत 2020 , 2021 तथा 2022 में भी इन्दौर के बाद द्वितीय स्थान पर रहा था, जबकि पिछले वर्ष 2023 में सूरत इंदौर के साथ ही संयुक्त रूप से प्रथम स्थान (joint winner) था।
10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में गुजरात ने बाजी मारी, जहाँ अहमदाबाद को भारत का सबसे स्वच्छ बड़ा शहर घोषित किया गया। गुजरात के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने राज्य सरकार की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 दुनिया के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण का 9वां संस्करण है। इस ऐतिहासिक आयोजन में शहरी भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की घोषणा की गयी और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) – SBM(U) को आगे बढ़ाने वाले शहरों के निरंतर प्रयासों को सम्मानित किया गया।
इस वर्ष के ये प्रतिष्ठित पुरस्कार चार श्रेणियों में विभाजित किए गये –
a) सुपर स्वच्छ लीग सिटीज़
b) 5 विभिन्न जनसंख्या श्रेणियों में शीर्ष 3 स्वच्छ शहर
c) विशेष श्रेणी: गंगा (नदी के साथ बसे) नगर , कैंटोनमेंट बोर्ड्स, सफाईमित्र ,सुरक्षा, महाकुंभ
d) राज्य स्तर के पुरस्कार, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का आशाजनक स्वच्छ शहर।
कुल 78 पुरस्कार इस वर्ष के घोषित किये गये । यह पुरस्कार SBM -U योजना के अंतर्गत दिए जाते हैं।
SBM – U (स्वच्छ भारत मिशन- Urban (शहरी) , भारत सरकार की एक महत्वशाली योजना है, जिसे शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सुधार के लिए शुरू किया गया था। इस योजना का आरम्भ 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर किया गया । यह मिशन भारत सरकार का एक अभियान है जिसका उद्देश्य कचरा प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाना जिसमें –
शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाना, सभी घरों में शौचालय निर्माण, सड़क, गलियों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई, ठोस और तरल (सूखा/गीला) कचरे को अलग-अलग इकट्ठा करना और नित्य रूप से स्वच्छता को लोगों की आदत में शामिल करना है।
2016 में 73 नगरीय स्थानीय निकायों (ULBs) से शुरू होकर, इसके नवीनतम संस्करण में इस बार 4,500 से भी अधिक शहरों को शामिल किया गया। इस वर्ष ये पुरस्कार छोटे बड़े, सभी शहरों को स्वछता के क्षेत्र में प्रगति की सम्भावनाएँ दिखा रहे हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के पुरस्कार “Reduce, Reuse, Recycle” (घटाओ, पुन: प्रयोग करो, पुनर्चक्रण करो) विषय पर केंद्रित हैं।
देशभर के हर वार्ड में 45 दिनों की अवधि में 3,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं के द्वारा गहन निरीक्षण किए गये।
2024 में किये गये इस मूल्यांकन में 11 लाख से अधिक परिवारों का मूल्यांकन किया गया और 14 करोड़ नागरिकों तक पहुँच बनायी गयी। यह अभियान शहरी जीवन और राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता को समझने के लिए एक व्यापक और दूरगामी दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो जनसहभागिता का ऐतिहासिक साक्षी बना। इन नागरिकों से आमने-सामने की बातचीत, स्वच्छता ऐप, My Gov और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संपर्क किया गया ।
सूरत के दूसरे स्थान पर आने के बाद, गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने हर्ष व्यक्त किया और सभी सफाईकर्मियों को धन्यवाद के साथ अपनी भावना प्रकट करते हुए कहा , “यह गुजरात के लोगों की जीत है। गुजरात के लोगों ने यह उपलब्धि मिलकर हासिल की है। सबसे पहले, मैं उन सभी को बधाई देना चाहता हूँ जो दिन-रात मेहनत करते हैं, जो हमारे शहर को स्वच्छ बनाए रखते हैं। मैं सभी स्वच्छता एंबेसडरों का भी आभार व्यक्त करता हूँ। मैं उनके प्रति आभारी हूँ। उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही आज गुजरात स्वच्छता सर्वेक्षण में अग्रणी बना हुआ है।”