मोदी अमेरिका जाएँगे !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने सितंबर के अंतिम सप्ताह में अमेरिका जाएँगे। प्रधानमंत्री  26 सितंबर की सुबह UNO में 15 मिनट के अल्प भाषण से अपना उद्बोधन देंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने सितंबर के अंतिम सप्ताह में अमेरिका जाएँगे। प्रधानमंत्री  26 सितंबर की सुबह UNO में 15 मिनट के अल्प भाषण से अपना उद्बोधन देंगे।

सूत्रों के अनुसार यात्रा का औपचारिक कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेना है, लेकिन वस्तुतः यात्रा के केंद्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर व्यापार विवाद सुलझाना और टैरिफ के मुद्दे पर सहमति बनाना होगा। इस दौरान दोनों नेता साझे रूप से एक व्यापार समिति की घोषणा भी कर सकते हैं ताकि दोनों देशों के बीच में मौजूद अड़चनें दूर हो सकें।

यह जानने योग्य है कि 15 अगस्त को ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात होने वाली है, जिसमें यूक्रेन युद्ध पर समाधान पर चर्चा होगी। पी एम मोदी हाल ही में पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की से बात कर चुके हैं। भारत ने दोनों नेताओं को सन्देश दिया है कि संघर्ष का समाधान दोनों देशों के हित में है। दोनों के बीच बातचीत से  भारत और अमेरिका के मध्य टेरिफ संघर्ष में भी धनात्मक मोड़ आ सकता है।

भारत और अमेरिकी वार्ताकार दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते पर पहले ही करीब थे लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप मौजूदा मसौदे से संतुष्ट नहीं हैं। नयी शर्तों पर चर्चा जारी है। दोनों पक्ष ‘मिशन 500′ के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डालर तक ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। फरवरी में अमेरिका में मोदी की ट्रम्प से मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच यह सहमति बनी थी कि मल्टी सेक्टर द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement , ie. BTA) का पहला चरण इसी साल तैयार कर दिया जाएगा।

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी UNO में अपना भाषण 26 सितंबर की सुबह देंगे, वहीँ ट्रम्प का भाषण 23 सितंबर को होगा। अमेरिकी दौरे के दौरान पीएम मोदी की अन्य विश्व नेताओं से भी द्विविपक्षी बैठकर तय की जा सकती है।यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की भी उस समय अमेरिका में बैठक में भाग लेने पहुँचे होंगे। ज़ेलेन्स्की ने  सोमवार को मोदी से फोन पर बात करने के बाद कहा था कि वहाँ मोदी उनसे मुलाकात करने के लिए सहमत हो गये हैं।

कुछ समय से भारत और अमेरिका के संबंध में संबंध तनावपूर्ण हो गये हैं। ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया लेकिन भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। इस से भन्ना कर ट्रम्प ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिये। इसके बावजूद भी दोनों देशों को रणनीतिक साझेदारी माना जाता है और सूत्रों का कहना है कि मोदी का यह दौरा उसको सामान्य करने और अक्टूबर में होने वाले क्वॉड नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप की भारत यात्रा का रास्ता साफ करने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी इसी माह के अंतिम दिन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक होने वाली एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की भी यात्रा कर रहे हैं।