
‘ट्री गणेशा’ को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम
पर्यावरणविद विरल देसाई के अनोखे अभियान को वैश्विक स्तर पर सम्मान
आठ साल से मना रहे हैं ट्री गणेश महोत्सव
सूरत. पर्यावरण संरक्षण को समर्पित अनूठा अभियान ‘ट्री गणेशा’ अब अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुका है। पर्यावरणप्रेमी विरल देसाई द्वारा पिछले आठ वर्षों से लगातार आयोजित हो रहा यह महोत्सव एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। इसे विश्व की एकमात्र धार्मिक-सांस्कृतिक इवेंट के रूप में मान्यता मिली है यह महोत्सव पूर्ण रूप से पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित है। इस अभियान में अब तक लाखों युवाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई है।
‘ट्री गणेशा’ के अंतर्गत विरल देसाई ने ‘सत्याग्रह अगेंस्ट पॉल्यूशन एंड क्लाइमेट चेंज’ आंदोलन के जरिए एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को ‘पर्यावरण सैनिक’ के रूप में तैयार किया है। इस पहल को सूरत पुलिस, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GPCB) और गुजरात वन विभाग का आधिकारिक सहयोग प्राप्त है। इन संस्थाओं के समर्थन से ही यह आंदोलन व्यापक रूप ले सका है।
विरल देसाई ने बताया कि “ट्री गणेशा केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक ऐसा अभियान है जो नई पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर धरती का भविष्य सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रहा है। एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मिली यह पहचान हमारी मुहिम की सफलता का प्रमाण है।”
इस महोत्सव में हर वर्ष पर्यावरण-केन्द्रित विविध विषयों पर स्टडी टूर्स आयोजित की जाती हैं। इसमें बायोडायवर्सिटी, इको सिस्टम रिस्टोरेशन और अर्बन फॉरेस्ट जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाई जाती है। अभियान की अंतरराष्ट्रीय सफलता से न केवल गुजरात, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ा है।
इस उपलब्धि पर विरल देसाई ने सूरत पुलिस, जीपीसीबी और वन विभाग का आभार जताया। उनका कहना है कि इन संस्थाओं के सहयोग के बिना यह मुहिम इतनी ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाती।
– ट्री गणेशा अभियान की विशेष बातें
– पिछले 8 वर्षों से लगातार ‘ट्री गणेशा’ महोत्सव का आयोजन।
– एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान पाने वाला विश्व का इकलौता धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन।
– एक लाख से अधिक विद्यार्थी बने ‘पर्यावरण सैनिक’।
– सूरत पुलिस, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन विभाग का सहयोग।
– हर साल पर्यावरण आधारित थीम पर स्टडी टूर्स का आयोजन।
– बायोडायवर्सिटी, इको सिस्टम रिस्टोरेशन और अर्बन फॉरेस्ट जैसे विषयों पर युवाओं की भागीदारी।