महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन

• संयुक्त अरब अमीरात में निर्यात अवसरों पर एसोचैम सत्र में प्रकाश डाला
• शारजाह एयरपोर्ट इंटरनेशनल फ्री ज़ोन के माध्यम से अहमदाबाद के व्यवसायों के लिए वैश्विक बाजार से जुड़ने का अवसर

अहमदाबाद, 07 अप्रैल, 2023: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित ‘व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता’ द्विपक्षीय आर्थिक, व्यापार और निवेश संबंधों को बदलने और भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित एक प्रमुख व्यापार समझौता है। सीईपीए (CEPA) के तहत, दोनों देश अगले 5 वर्षों के भीतर द्विपक्षीय व्यापार को 60 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़ाकर 100 बिलियन अमरीकी डालर पहुँचाना चाहते है।

इसके अनुरूप, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने संयुक्त रूप से शारजाह सरकार संयुक्त अरब अमीरात, के साथ और गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, गुजरात स्टेट स्मॉल इंडस्ट्रीज फेडरेशन, वटवा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (अहमदाबाद यूनिट), इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन और ज्वैलर्स एसोसिएशन अहमदाबाद के सहयोग से अहमदाबाद में एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय उद्यमों के लिए संयुक्त अरब अमीरात में विभिन्न व्यावसायिक अवसरों और सैफ क्षेत्र में व्यवसाय स्थापित करने के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना था।

इस कार्यक्रम में शहर के 120 से अधिक व्यवसायियों ने भाग लिया, जिन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में व्यवसाय शुरू करने में अपनी रुचि व्यक्त की। इस अवसर पर सैफ जोन के पदाधिकारियों ने सैफ जोन में व्यवसाय स्थापित करने के फायदों पर प्रकाश डाला।

महामहिम श्री सऊद अल मजरूई , महानिदेशक, सैफ जोन, शारजाह सरकार, यूएई ने बताया कि- शारजाह आज एक उभरता हुआ व्यापारिक केंद्र है जो शानदार भूमि, समुद्र और हवाई लिंक के माध्यम से अद्वितीय लॉजिकल एडवांटेज (रसद लाभ) प्रदान करता है और अहमदाबाद के व्यापारिक समुदाय सैफ क्षेत्र से व्यवसाय करके लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘सैफ जोन में हमारे करीब 60 फीसदी निवेशक भारत से हैं।’

श्री सऊद ने आगे कहा कि सैफ जोन महिला उद्यमियों को सैफ जोन में व्यवसाय स्थापित करने के लिए विशेष अनुकूलित प्रोत्साहन पैकेज भी प्रदान करता है।

यूएई में फ्री ट्रेड जोन के कांसेप्ट  के बारे में बताते हुए सैफ जोन के श्री अनूप वारियर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सैफ जोन में कारोबारी इकाई स्थापित करना भारतीय कंपनियों के लिए बेहद आकर्षक हो सकता है। अहमदाबाद स्थित उद्योग यूएई, विशेष रूप से शारजाह सैफ जोन का अफ्रीका और यूरोप के लिए पुन: निर्यात आधार के रूप में लाभ उठा सकते हैं। 2.5 लाख भारतीय रुपये से कम का भुगतान करके, कोई भी कंपनी सैफ (SAIF) ज़ोन में एक कार्यालय खोल सकती है, जिसमें एक वर्ष का किराया, बिजली, पानी, सभी अनुमतियाँ और 3 रेसिडेंस वीजा के लिए एक कोटा शामिल है।

श्री चिंतन ठाकर, चेयरमैन, एसोचैम, गुजरात काउंसिल और हेड- ग्रुप कॉर्पोरेट अफेयर्स एंड स्ट्रेटेजिक प्लानिंग, वेलस्पन ग्रुप ने कहा, “जब से दोनों देशों ने सीईपीए के ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, तब से हम अपने संबंधों के बीच एक परिभाषित परिवर्तन देख रहे हैं और एसोचैम द्वारा हम देखते हैं कि इस समझोते में बदलती दुनिया को आकार देने की क्षमता है। भारत और संयुक्त अरब अमीरात व्यापार के लिए वैश्विक सोचने के लिए स्वाभाविक भागीदार हैं।

उन्होंने आगे कहा पश्चिमी क्षेत्र विशेष रूप से गुजरात विश्व स्तर पर भारत से व्यापार की शुरुआत के बाद से आर्थिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। हाल के समय में, अहमदाबाद शहर भारत में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरा है और फार्मास्युटिकल क्षेत्र और एक विकासशील कपड़ा क्षेत्र के लिए एक प्रमुख आधार है ।

संयुक्त अरब अमीरात में मुक्त व्यापार क्षेत्रों के बारे में भारत में बहुत कम जागरूकता है, खासकर एमएसएमई के बीच। यह एक कारण है कि हमने अपने कार्यक्रम की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को क्यों चुना है ताकि हम उद्योगपतियों के बीच जागरूकता पैदा कर सकें और वैश्विक स्तर पर व्यापार के विस्तार की दिशा में सहायता प्रदान कर सकें।”

द टेक्सटाइल एसोसिएशन (इंडिया), अहमदाबाद यूनिट के उपाध्यक्ष डॉ अश्विन ठक्कर ने कहा, संयुक्त अरब अमीरात उन देशों में से एक है, जिसने भारत से टेक्सटाइल्स की मांग में पर्याप्त वृद्धि देखी है। जैसे-जैसे देश का विकास हो रहा है, गुणवत्तापूर्ण कपड़ों और मटेरिअल्स की आवश्यकता बढ़ी है, और भारत अपने वस्त्रों की विस्तृत श्रृंखला के साथ इस मांग को पूरा करने में सक्षम रहा है। भारत-यूएई सीईपीए समझोता दोनों देशों के बीच व्यापार को गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि भारत 5 प्रतिशत आयात शुल्क के अभाव में संयुक्त अरब अमीरात में अपनी हिस्सेदारी में सुधार करेगा, जो पहले खाड़ी देश (गल्फ नेशन) द्वारा लगाया जाता था।

श्री संचित चतुर्वेदी, सीनियर वाइस चेयरमैन, इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IDMA) गुजरात स्टेट बोर्ड और डायरेक्टर, हेलवुड लैब्स. प्रा. लिमिटेड ने कहा कि भारत-यूएई सीईपीए ने भारतीय फार्मा क्षेत्र के लिए बहुत सारे अवसर खोल दिए हैं। व्यापार समझौता भारतीय और यूएई व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगा, जिसमे बाजार पहुंच में वृद्धि सहित कम टैरिफ शामिल है। व्यापार सौदे ने एक परमानेंट सेफगार्ड मैकेनिज्म भी प्रदान किया है, जो किसी विशेष उत्पाद की मात्रा में किसी भी अनुचित वृद्धि से दोनों देशों के निर्यातकों और व्यवसायों की रक्षा करेगा। समझौते से चिकित्सा उपकरणों और दवा उत्पादों सहित कई क्षेत्रों को लाभ होगा।

ज्वेलर्स एसोसिएशन अहमदाबाद के अध्यक्ष श्री जिगरकुमार सोनी ने कहा कि भारत-यूएई सीईपीए के बाद, भारत के प्लेन गोल्ड के आभूषण निर्यात में काफी वृद्धि हुई है। भारतीय निर्यातकों को तुर्की जैसे देशों से सोने के गहनों में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा था और एफटीए से पहले भारतीय निर्यात में गिरावट दिख रही थी। सीईपीए ने खाड़ी देशों में आभूषणों पर शुल्क मुक्त पहुंच की अपनी पेशकश और शुल्कों को हटाने से निर्यात को लाभ हुआ है। भारत को आभूषण निर्यात के लिए संयुक्त अरब अमीरात के बाजार में शून्य शुल्क पहुंच प्राप्त हुई, जो पहले 5% शुल्क था, जो संभावित रूप से उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के बाजारों में भारतीय उत्पादों के प्रवेश की सुविधा प्रदान करता था।

कार्यक्रम यूएई में व्यापार और निवेश के अवसरों पर केंद्रित था। दर्शकों को यूएई में टैक्स फ्री जोन के फायदों के बारे में भी बताया गया। इसके अलावा उपस्थित व्यवसायियों व उद्योगपतियों को यूएई में मौजूद एफडीआई नियमों की जानकारी भी दी गई और यूएई में अपना कार्यालय स्थापित करने के संबंध में सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई।