सूरत: कापोद्रा क्षेत्र की 17 वर्षीय किशोरी का घुमाने के बहाने अपहरण कर राजकोट ले जाने के बाद बलात्कार करने वाले सहकर्मी 35 वर्षीय युवक को कोर्ट ने दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपी को बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के उल्लंघन के तहत 20 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक एसके गोहिल के मुताबिक, 35 वर्षीय आरोपी हसमुख लिंबानी पर किशोरी का अपहरण कर बलात्कार करने और पॉक्सो एक्ट की धाराओं का उल्लंघन करने का आरोप था। आरोपी और पीड़िता एक ही ब्यूटी पार्लर में नौकरी करते थे। इस दौरान वर्ष 2020 में आरोपी हसमुख किशोरी को घुमाने के बहाने कार में अपहरण कर राजकोट ले गया था। यहां दो दिन अपनी बहन के घर में किशोरी के साथ रुका और रात के दौरान किशोरी के साथ जबरन यौन संबंध बनाए थे। बाद तीसरे दिन वह किशोरी को वापस सूरत ले आया और छोड़कर फरार हो गया था। किशोरी के भाई की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। चार्जशीट पेश होने के बाद से मामले की सुनवाई पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक एसके गोहिल आरोपों को साबित करने में सफल रहे। कोर्ट ने पीड़िता के बयान और कोर्ट के समक्ष पेश किए गए साक्ष्य और सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।