मानसिक रूप से विक्षिप्त किशोरी से गैंग रैप के दोषियों को 20 साल की कैद
पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला
तीन साल पहले पांडेसरा में सामने सामने आई थी वारदात
सूरत. मानसिक रूप से विक्षिप्त 14 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर गैंग रैप करने वाले दो आरोपियों को पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक दीपेश दवे के मुताबिक, आरोपी शंकर उर्फ शीलू द्वारकानाथ शाहू और रामचंद्र उर्फ राम कालूचरण प्रधान पर किशोरी का अपहरण कर गैंग रैप करने का आरोप था। वर्ष 2021 में पांडेसरा में यह घिनौनी वारदात सामने आई थी। आरोपियों ने क्षेत्र में रहने वाली एक परिवार की मानसिक रूप से विक्षिप्त 14 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर लिया था और पांच दिनों तक उसे अपने साथ रखकर उसके साथ गैंग रैप किया था। इधर, किशोरी के परिजनों की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। उसके बाद से मामले की सुनवाई पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक दीपेश दवे आरोपों को साबित करने में सफल रहे। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपी शंकर और रामचंद्र को अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं, पीड़िता को विक्टिम कंपनसेशन के तौर पर पांच लाख रुपए चुकाने का भी आदेश दिया।