करंट लगने हुई मौत के मामले में मृतक के परिजनों की दावा अर्जी मंजूर

सूरत. दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी (डीजीवीसीएल) की लापरवाही के कारण हुए हादसे को लेकर कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाइवोल्टेज लाइन से करंट लगने से हुई 19 वर्षीय युवक की मौत के मामले में मृतक के माता पिता की दावा अर्जी मंजूर करते हुए कोर्ट ने बिजली कंपनी को 10.26 लाख रुपए सालाना 6 फीसदी ब्याज के साथ मुआवजे के तौर पर चुकाने का आदेश दिया है।

वादी के अधिवक्ता एम.एस. कानूंगो के मुताबिक, भरीमाता रोड नेहरू नगर झोपड़पट्टी निवासी नसीमआलम अहमद हाफिज शेख और उनकी पत्नी समेत पुत्र – पुत्रियों ने मिलकर दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी के खिलाफ कोर्ट में दावा अर्जी की थी। वादी का पुत्र सद्दामहुसैन एसी फिटिंग का काम करता था। 28 अगस्त, 2008 को पांडेसरा जीआईडीसी में ऑर्डर के तहत एसी फिट करने गया था। उस समय मकान के ऊपर से गुजरने वाली बिजली कंपनी की हाइवोल्टेज लाइन के संपर्क में आने से सद्दामहुसैन को करंट लग गया था। हादसे में गंभीर रूप से झुलस जाने से सद्दामहुसैन की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों ने हादसे के लिए बिजली कंपनी की लापरवाही को जिम्मेदार मानते हुए कोर्ट में दावा ठोका था। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता एम.एस. कानूंगो बिजली कंपनी की लापरवाही साबित करने में सफल रहे। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने वादी की दावा अर्जी मंजूर करते हुए प्रतिवादी बिजली कंपनी डीजीवीसीएल को मुआवजे के तौर पर 10.26 लाख रुपए अर्जी दायर करने की तारीख से सालाना 6 फीसदी ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया।

NaseemAlam Ahmed Hafiz SheikhSaddam HusseinSouth Gujarat Electricity Companysurat