सूरत. घरेलू हिंसा से पीडि़त विवाहिता और उसकी पुत्री को प्राताडि़त नहीं करने के साथ कोर्ट ने पति को भरण-पोषण के तौर पर प्रतिमाह 11,500 रुपए चुकाने का आदेश दिया।
अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता प्रीति जोशी के मुताबिक, उनकी मुवक्किल रूपल धानाणी ने पति चिराग धानाणी और ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ कोर्ट में घरेलू हिंसा की शिकायत की थी। दरअसल, रूपल और चिराग की शादी वर्ष 2015 में हुई थी। उन्हें एक पुत्री भी हैं। शादी के बाद से ही पति समेत ससुराल पक्ष के लोग रूपल को प्रताडि़त कर रहे थे। बाद में 50 लाख रुपए के दहेज की मांग करते हुए पति ने पत्नी का त्याग कर दिया था। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रीति जोशी ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि कोई भी शादीशुदा महिला पीहर में रहना पसंद नहीं करती। आरोपियों की प्रताड़ना से उनकी मुवक्किल को पीहर में मजबूरी में रहना पड़ रहा है। वहीं, आरोपी पति की ओर से पत्नी और पुत्री के भरण-पोषण की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने पीडि़ता की अर्जी मंजूर कर ली और पति को किराए के तौर पर प्रतिमाह 2500 रुपए और पत्नी और पुत्री को भरण-पोषण के तौर पर 9000 रुपए मिलाकर प्रतिमाह कुल 11,500 रुपए चुकाने का आदेश दिया।