चेक रिटर्न मामले में ग्राफिक्स प्रिंटिंग के व्यापारी को दो साल की कैद

सूरत। केटलॉग प्रिंटिंग के जॉबवर्क के पेमेंट के तौर पर दिया 4.82 लाख रुपए का चेक रिटर्न होने पर कोर्ट ने आरोपी व्यापारी को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत दोषी करार दिया। कोर्ट ने दोषी व्यापारी को दो साल की कैद और रिटर्न चेक की राशि लौटाने की सजा सुनाई है।

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विपुल रूपारेलिया के मुताबिक, उनके मुवक्किल विजय धीरूभाई वोरा सारोली में अमर ग्राफिक्स के नाम से प्रिंटिंग, ग्राफिक्स और बायडिंग का काम करते हैं। वर्ष 2019 में पुनागाम की मुक्तिधाम सोसायटी निवासी और श्री चामुंडा फिल्म्स के नाम से साड़ी, ड्रेस मटेरियल पर मॉडलिंग एडवरटाइजिंग का काम करने वाले नीलेश भूपत मकवाना ने विजय से 4.82 लाख रुपए के कैटलॉग प्रिंटिंग करवाए थे। इस जॉबवर्क के पेमेंट के तौर पर नीलेश ने विजय को दिया 4.82 लाख रुपए का चेक बैंक से रिटर्न हो गया था। मामला कोर्ट में पहुंचने पर अधिवक्ता विपुल रूपारेलिया आरोपों को साबित करने में सफल रहे। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी नीलेश मकवाना को दोषी मानते हुए दो साल की कैद और रिटर्न चेक की राशि लौटाने की सजा सुनाई। वहीं,फैसले के समय आरोपी कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं होने से कोर्ट गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया।

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