सौतले पुत्र की पत्नी की हत्या करने वाले ससुर को उम्रकैद

सूरत। उधना भीमनगर आवास में चार साल पहले तलाकशुदा महिला की हत्या के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अतिरिक्त लोक अभियोजक विशाल फलदू की दलीलें और कोर्ट के समक्ष पेश किए गए गवाह और साक्ष्य के आधार पर आरोपी सौतेले ससुर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

प्रकरण के अनुसार, उधना भीमनगर आवास निवासी आरोपी मेहुल बदरू लाखानी पर हत्या का आरोप था। आरोपी उधना भीमनगर आवास में पत्नी आशा, सौतेले पुत्र मयूर, बहु नेहा के साथ रहता था। नेहा ने मयूर से तलाक ले लिया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण वह अपने पांच साल के पुत्र को लेकर वहीं पर रह रही थी। मयूर से तलाक लेने पर आरोपी को नेहा पर गुस्सा आ रहा था और इससे पहले भी दोनों के बीच हमेशा झगड़ा होता रहता था। जिससे 18 जून, 2020 को नेहा जब घर में अकेली थी तभी आरोपी ने चाकू से गला रेत कर नेहा की हत्या कर दी थी और फरार हो गया था। उधना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। चार्जशीट पेश होने के बाद से मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक विशाल फलदू आरोपों को साबित करने में सफल रहे। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलीलें और कोर्ट के समक्ष पेश किए गए गवाह और साक्ष्य को ध्यान में रख आरोपी को हत्या के लिए दोषी मानते हुए कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

– आरोपी के कपड़े पर लगे खून के धब्बे अहम साबित हुए

अतिरिक्त लोक अभियोजक विशाल फलदू ने बताया कि सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से यह दलील पेश की गई कि आरोपी हत्या के दिन नवसारी में था, लेकिन पुलिस ने आरोपी के जो कपड़े जब्त किए थे उस पर खून के धब्बे थे। एफएसएल जांच में खून के धब्बे मृतक नेहा के होने की पुष्टि हुई थी। जिससे कोर्ट ने मौका-ए – वारदात पर आरोपी की उपस्थिति होने का अहम सबूत मानते हुए आरोपी को हत्या के लिए दोषी माना।

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