दहेज प्रताड़ना मामले में सास को कोर्ट से राहत, डिस्चार्ज अर्जी मंजूर

पति के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने में विफल रहने पर विवाहिता ने दर्ज करवाई थी दहेज प्रताड़ना की शिकायत

सूरत. दहेज प्रताड़ना के एक मामले में सेशन कोर्ट ने सास को राहत दी है। कोर्ट ने सास की ओर से दायर डिस्चार्ज रिवीजन अर्जी मंजूर कर की। पति के खिलाफ बलात्कार की शिकायत करने में विफल रहने के बाद विवाहिता ने पति समेत ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी।

दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज होने के बाद सास नयना चापानेरिया ने ट्रायल कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी दायर की थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इस फैसले से नाराज नयना चापानेरिया ने अधिवक्ता सोनल एम.शर्मा के जरिए सेशन कोर्ट में रिवीजन अर्जी दायर की थी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सोनल शर्मा ने आरोपी सास की ओर से दलीलें पेश करते हुए कहा कि विवाहिता ने पति के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज करने के लिए महिला थाने में अर्जी दी थी, लेकिन अर्जी की जांच के बाद पुलिस को आरोपों में तथ्य नहीं मिलने से शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। इसके बाद विवाहिता ने पति समेत ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। देश में महिलाओं संबंधित कानून का दुरुपयोग बढ़ते जा रहा है। सिर्फ रंजिश और बदला लेने की भावना और रुपए ऐंठने के लिए भी इस तरह के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मामले में सिर्फ विवाहिता के बयान के आधार पर ससुराल पक्ष के लोगों को अपराध में संलिप्त दिखाया गया है, जो उचित नहीं है। अंतिम सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने अधिवक्ता सोनल शर्मा की दलीलों को ध्यान में रखते हुए रिवीजन डिस्चार्ज अर्जी मंजूर करते हुए आरोपी सास को मामले से मुक्त कर दिया।