सूरत। प्लॉट बचने के बहाने रुपए हड़पकर ठगी करने के 34 साल पुराने मामले में अतिरिक्त चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए एक साल की साधारण कैद और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
प्रकरण के अनुसार, सलाबतपुरा क्षेत्र निवासी जतिन कुमार जयंतीलाल वछियात ने वर्ष 1990 में आरोपी पंकज कुमार हसमुखलाल गोलवाला के खिलाफ 40 हजार रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोप था कि आरोपी ने परवत गांव निवासी भीखी बेन और मणि बेन नाम की महिलाओं की जमीन पर प्लॉट के आयोजन का झांसा देकर शिकायतकर्ता को दो प्लॉट बेचे थे और उससे 40 हजार रुपए ले लिए थे। उसने बिक्री दस्तावेज भी बना दिए थे, लेकिन प्लॉट का कब्जा नहीं सौंपा। जब जांच की तो पता चला कि यह जमीन संपादित की गई है और उसके साथ धोखा हुआ है। आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश होने के बाद से मामले की सुनवाई अतिरिक्त चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान सहायक लोक अभियोजक एसआर किनखाबवाला आरोपों को साबित करने में सफल रहे। 34 साल बाद कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी पंकज गोलवाला को ठगी के लिए दोषी मानते हुए एक साल की कैद और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ ठगी का आरोप साबित हुआ है और धारा 420 के तहत सात साल की कैद की सजा का प्रावधान है, लेकिन आरोपी को सामाजिक जिम्मेदारी, आर्थिक हालत और कैंसर से ग्रस्त होने के कारण सजा सुनाते समय नर्म रुख अपनाना न्यायोचित होगा यह कोर्ट का मानना है।