हत्या मामले में जब्त किए चाकू पर खून के निशान नहीं मिलने का आरोपियों को मिला लाभ
करोना काल में सैयदपुरा में हुई युवक की हत्या के मामले में तीनों आरोपियों को कोर्ट ने निर्दोष छोड़ा
सूरत. कोरोना काल में कर्फ्यू के दौरान हुई युवक की हत्या के मामले में हत्या के लिए उपयोग में लिए गए चाकू पर खून के निशान नहीं मिलने का लाभ आरोपियों को मिला। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए तीनों आरोपियों को निर्दोष छोड़ दिया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता अश्विन जोगड़िया के मुताबिक, कतारगाम क्षेत्र निवासी प्रकाश डोडिया, भावेश पाटिल और संजय वाढेल पर युवक की हत्या का आरोप था। कोरोना महामारी के समय शहर में जब कर्फ्यू लगा था तभी आरोपियों ने सैयदपुरा निवासी अजय उर्फ लालू स्वाई की चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने हत्या के लिए उपयोग में लिया गया चाकू सबूत के तौर पर जब्त किया था। चार्जशीट दायर होने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ सेशन कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से अधिवक्ता अश्विन जोगड़िया, याह्या शेख और मनीष सोसा ने पैरवी की और दलीलें पेश करते हुए कहा कि सबूत के तौर पर पुलिस ने जो चाकू पेश किया है उस पर खून के निशान नहीं मिले हैं और ना ही खून के धब्बों को संरक्षित करने के लिए किसी प्रिजर्वेटिव रसायन का उपयोग किया गया यह खुद जांच अधिकारी ने अपनी जिरह के दौरान कबूल किया है। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा है और संदेह का लाभ देते हुए तीनों आरोपियों को निर्दोष छोड़ने का हुक्म सुनाया।