दुबई के चीनी साइबर फ्रॉड गिरोह का मामला

सूरत. दुबई में बैठे चीनी गिरोह के साथ मिलकर भारतीयों से 112 करोड़ से अधिक की राशि हड़पने वाले सूरत के साइबर गिरोह के साथियो को अंगडिया के माध्यम से दुबई से कमीशन के रूप में 30 लाख रुपए मिले थे। साइबर सेल की जांच में यह भी पता चला कि है कि यह रुपए सूरत की दो आंगडिया फर्मों के जरिए आए थे।

साइबर सेल ने बैंक खाते और सिमकार्ड किराए पर देने के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। मिलन उर्फ दर्जी सुरेश वाघेला और विवेक उर्फ मारुति के दुबई में बैठकर सूरत-गुजरात के मास्टरमाइंड होने का खुलासा हुआ।दुबई में चीनी गिरोह लोगों को साइबर धोखाधड़ी करने के लिए भारतीयों को नियुक्त करते थे। इस पैसे को जमा करने के लिए एक भारतीय बैंक खाते की आवश्यकता होती थी। मिलन और विवेक उन्हें खाते उपलब्ध कराते थे। इसके लिए उसने सूरत में रहनेवाले अजय इटालिया, हिरेन बाबरिया, विशाल ठुम्मर और जलपेश नडियादरा को काम पर रखा था। पुलिस को इस गिरोह से करीब 900 बैंक खातों की डिटेल मिली है, जिसमें एफओडी के 112 करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए थे। मिलन यह रुपए दुबई में डेबिट कार्ड से निकालता था। यहां से इसके लिए डेबिट कार्ड भी भेजे गए थे।  सूरत का गिरोह बैंक खाते खोलने, नेट बैंकिंग करने और पांच लाख की रकम को अलग-अलग खातों में बांटने का काम करता था। दुबई में पैसा एटीएम से निकाला जाता था। इन रुपयों से मिलन नकद में यूएसडीटी कोइन खरीद कर चीनी गिरोहों को देता था। इनमें से अजय इटालिया और साथियो को कमीशन और सैलरी के तौर पर बड़ी रकम दी जाती थी मिलन दुबई से आंगडिया के माध्यम से कमीशन भेजता होने का पुलिस जांच में पता चला है। सीमाडा शाखा आर.के. आंगड़िया में 25 लाख और हीराबाग के पी.एम.आंगडिया में पांच लाख रुपए दुबई से आने की जानकारी पुलिस ने दी है।

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