चार साल तक पुत्री का यौन उत्पीड़न करनेवाले सौतेले पिता को अंतिम सांस तक की कैद
पांच महीने चार दिन में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने सुनाया फैसला- कोर्ट ने कहा मासूम की जिंदगी नर्क बनाने वाला कृत्य
सूरत. चार साल तक नाबालिग पुत्री से छेड़छाड़ और बलात्कार करने के एक मामले में सिर्फ पांच महीने चार दिन में सुनवाई पूरी कर पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपित सौतेले पिता को दोषी करार देते हुए अंतिम सांस तक की कैद की सजा सुनाई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक मुंजाल के. ब्jह्मभट्ट के मुताबिक, मूलत: उत्तर प्रदेश का निवासी और यहां कापोद्रा क्षेत्र निवासी आरोपी राजू यादव पर नाबालिग से बलात्कार करने और पॉक्सो एक्ट की धाराओं का उल्लंघन करने का आरोप था। आरोपी और पीडि़त बच्ची की मां दोनों आठ साल से शादी किए बिना पति-पत्नी के तौर पर एक ही घर में रहते थे। इस दौरान महिला की आठ साल की बच्ची पर उसकी नजर बिगड़ी। जब पत्नी घर पर नहीं होती तब आरोपी मासूम बच्ची का उत्पीड़न करता था। लगातार चार साल तक वह पुत्री से बलात्कार करता रहा। जब मामला सामने आया तो बच्ची के मां ने आरोपी के खिलाफ कापोद्रा थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आइपीसी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। इसके बाद से मामले की सुनवाई पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक मुंजाल ब्jह्मभट्ट आरोपों को साबित करने में सफल रहे। कोर्ट ने सिर्फ 5 महीने चार दिन में सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने आरोपी सौतेले पिता को दोषी मानते हुए अंतिम सांस तक की कैद की सजा सुनाई।