आत्महत्या के लिए मजबूर करने का था आरोप

सूरत. भाई और भाभी की प्रताड़ना से त्रस्त होकर युवक के आत्महत्या कर लेने के एक मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी दंपती यानी मृतक के सगे भाई-भाभी को दोषी करार देते हुए पांच साल की कैद और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं, तीन अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए आरोपों से बरी कर दिया है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक वीसी पंचाल के मुताबिक, उधना खरवर नगर निवासी आरोपी जगदीश पोपट जरीवाला, धर्मिष्ठा जगदीश जरीवाला, किशोर कांतिलाल जरीवाला, देवेंद्र गमन जरीवाला और हरीश अमृत किनारीवाला पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप था। आरोप के मुताबिक, आरोपी जगदीश के छोटे भाई कल्पेश ने आत्महत्या कर ली थी। आरोप के मुताबिक आरोपी जगदीश, उसकी पत्नी धर्मिष्ठा और उनके दोस्त कल्पेश को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। वे उसकी पिटाई करते और रुपए छीन लेते थे।

घटना के दिन भी उन्होंने कल्पेश की पिटाई की थी। जिससे कल्पेश ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के बाद से मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक वीसी पंचाल आरोपों को साबित करने में सफल रहे। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने पांच में से आरोपित दंपती को दोषी मानते हुए पांच साल की कैद और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं, अन्य तीन आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष छोड़ दिया।

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