शिक्षा और संस्कार के संपूर्ण विकास के लिए समर्पित- अणेय इंडिया
राष्ट्र व समाज के संपूर्ण विकास मे समर्पित समाज के प्रबुद्ध, संपन्न एवं प्रभावशाली व्यक्तित्त्वों का एक गैर राजनीतिक व गैर सरकारी समाजिक संगठन है जो शिक्षा ,संस्कार, स्वास्थ्य, सेवा,और पर्यावरण-संरक्षण के लिए दशको से सेवारत है। अणेय इंडिया फाउंडेशन स्वामी विवेकानंद जी से प्रभावित इनके बताए मार्ग पर चलते हुए समाज के उच्च, प्रबुद्ध एवं सम्पन्न वर्ग को सुसंगठित कर उनके हृदय मे समाज के वंचित, असमर्थ एवं अशिक्षित वर्ग के प्रति संवेदनशीलता के भाव जागरूक कर,उनके प्रति अपना मानवीय दायित्व समझकर अपना निस्वार्थ सेवा हेतू जागृत करना एवं विधालय संपर्क अभियान कर नवीन पीढ़ी को सुसंस्कारित कर राष्ट्र के प्रति दायित्व बोध का निर्माण मे दशको से निरंतर सक्रिय है।भारतीय संस्कृति व भारतीय जीवन मूल्य अणेय इंडिया का मूल मंत्र है,भारत की राष्ट्रीय एकता, विश्व बंधुत्व, सर्व धर्म समभाव और उदार मानवता हमारी प्रेरणा एवं समाज के प्रति समरसता एवं एकात्मकता का व्यवहार इसकी पूंजी है। राष्ट्रीय परिपेक्ष्य मे प्रबल संवेदनशीलता, प्रखर राष्ट्रवाद एवं आध्यात्मिक चेतना संगठन की स्थाई पहचान है।
अणेय इंडिया मुख्यत राष्ट्र और राष्ट्रीयता , मानवता का संवर्धन , शिक्षा के सर्वांगीण विकास सहित पर्यावरण संरक्षण के प्रमुख कारण के निवारण लिए प्रमुखता से जाना जाता है। अणेय इंडिया का व्यापक सोच… राष्ट्र का संपूर्ण विकास शिक्षा के विकास मे ही निहित है। लेकिन हमारा शिक्षा पद्धति और शिक्षा का उद्देश्य पुर्णतः आधारहीन है, कारण जो विद्यार्थी विशेष उद्देश्य सहित पढ़ाई कर रहे होते है,उनका संपूर्ण अध्ययन काल अर्थ के घोर अभाव मे व्यतीत होता है, और अन्ततः आथिर्क दबाव मे बीच मे ही पढ़ाई दम तोर देता है, जो राष्ट्र के विकास मे एक बहुत बड़ा और घातक क्षति तो है ही साथ ही ऐसे विद्यार्थिगण अपनी पढ़ाई को या लक्ष्य को पूर्ण नही करने के पीछे देश के संसाधन व अमीरों को बहुत बड़ा कारण मान कर देश और देश के पूँजीपतियों को दुश्मन मानकर इनके विरूद्ध अपनी सारी विद्वता को लगा बैठते है,कारण सिर्फ एक ही है कि हम ऐसे विद्यार्थियों को समय पर पहचान कर अपेक्षित सहयोग नही कर पाते है,जिसकी खामियाज़ा हमारे देश को बहुत बड़ी किमत चुकानी पड़ती है। इतना ही नही देश मे ऐसे कुछ 5-8% पैसे बाले लोग है जो शिक्षा को डिग्री के रूप मे खरीदने मे विश्वास करते है,और ऐसे ही लोग मेहनत से नही बल्कि पैसे के बल पर डिग्री प्राप्त कर बड़ी शान से किसी उच्च पद आसिन होकर वही होनहार विद्यार्थियों (जो बीच मे ही किसी मजबूरी के कारण पढाई को छोड़कर छोटे मोटे नौकरी या काम धन्धे मे लग जाते है) उन पर शासन करते है। इस तरह ऐसे कुंठित विद्यार्थियों से राष्ट्र का विकास नही बल्कि इनका ज्ञान हमारे राष्ट्र विकास मे विभिन्न प्रकार से अवरोधक होते है। दूसरी ओर जो पैसे के बल पर डिग्री प्राप्त कर नाजायज तरीके से विभिन्न पदों को सुशोभित कर रहे है क्या ऐसे लोगो से राष्ट्र का विकास हो रहा है ?? इस प्रकार की आये दिन खबरे पढ़ते रहते की देश के विकास के विपरीत कार्य मे जो संलिप्त पाये जाते है,वो इसी समाज के आधे अधूरे शिक्षित लेकिन काफी तीक्ष्ण दिमाग के लोग होते है, अगर हम समय पर पहचान कर छात्रवृति के रूप मे अपेक्षित सहयोग कर समाजिक दायित्व का निर्वहन करे तो इससे बेहतर राष्ट्र के विकास मे कोई और सेवा हो ही नही सकता !! अणेय इंडिया इस बात पर गहरी चिन्तन कर रहा है,,,,!! और एक आधारभूत संरचनात्मक तथ्यों पर आधारित संभावित विकल्पों पर कार्य कर रहा है। अणेय इंडिया फाउंडेशन राष्ट्र और शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित संपूर्ण भारतवर्ष के विधालयों मे सम्पर्क कर सभी जरूरतमंद विद्यार्थियो को शर्ते रहित निशुल्क शिक्षा- छात्रवृति और संस्कार प्रकल्प प्रदान कर रहा है, जो संपूर्ण जिंदगी जीने के मूल मंत्र है- शिक्षा कभी झुकने नही देगी,और संस्कार कभी गिरने नही देगी ।। समग्र शिक्षा के विकास के लिए अणेय इंडिया पुरे भारत वर्ष मे जिलास्तरिय जरूरतमंद विधालयों मे सम्पर्क अभियान अन्तर्गत आधुनिक शिक्षा के लिए सभी चयनित विधालय को आवश्यकतानुसार कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लासेस, स्वास्थ्य सुविधाए व स्वच्छ पीने का पानी का संपूर्ण संसाधन देने के साथ ही उस विधालय मे पढ़ने वाले सभी चयनित विद्यार्थियों को शर्ते रहित स्वम के वॉलेट मे एक लाख तक का राशी वार्षिक छात्रवृत्ति स्थानीय कार्यकारणी कमेटी की देखरेख मे अनवरत एक अभियान स्वरूप दिया जाता है। इस व्यापक सहयोग से जहां आधुनिक शिक्षा से जुड़कर विधालय समृद्ध और विकसित होता है,वही इस प्रकार की संसाधन युक्त विधालयों से ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है। जिला स्तरीय अविकसित तथा बंद पड़े चयनित 4-5 विधालयो को गोद या अनुदान लेकर आधुनिक शिक्षा सहित गुरूकुलम विधालय के रूप मे विकसित कर स्थानीय कमिटी की संपूर्ण देख रेख मे पुरे भारत वर्ष मे 2500 विधालयो का लक्ष्य सहित संचालित किए जा रहे है। अणेय इंडिया की व्यापक दृष्टिकोण से शिक्षा का संपूर्ण और सर्वांगीण विकास सहित हम विकसित राष्ट्र के निर्माण मे उल्लेखनीय योगदान दे रहे है।
दूसरी सबसे बड़ी समस्या वतर्मान पर्यावरणीय प्रदूषण पुरी मानव जीवन सहित पुरी पृथ्वी के लिए अभिशाप बनता जा रहा है ?? हमारे संपूर्ण मानव विकास को प्रतिकूल पर्यावरण निगलने को तैयार बैठा है। एक तरफ तो हम संपूर्ण विकास के लिए हर संभव कोशिशे कर रहे है लेकिन इस विकास की दौर मे हम इतने अन्धे हो चुके है कि सामने मुह बाये भीमकाय सी समस्या को नजरअंदाज कर रहे है। सरकार से लेकर निजी संगठन भी इस ओर टाल-मटोल जैसी तमाम वो बहाने करते जो इनसे संभव बनता है। लेकिन अणेय इंडिया इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसके मूल कारण को ही निष्पादन करने पर विशेष जोर दे रहा है। इसके अंतर्गत संपूर्ण भारतवर्ष के सभी शहर और नगरों मे कचरा प्रबंधन परियोजनाओ को एक मुहिम बनाकर संचालन करने हेतु संकल्पित है। उक्त परियोजना स्थानीय नगर-निगम, नगर पालिका तथा जिला प्रशासन से अपेक्षित सहयोग सहित स्थानीय सीएसआर फंडिंग व जन सहयोग से संचालित किया जाता है।
अणेय इंडिया फाउंडेशन राष्ट्र के नव निर्माण मे तत्पर शिक्षा के सर्वांगीण विकास हेतू आधुनिक शिक्षा, संस्कार के लिए विधालय सहयोगात्मक विद्यार्थियो को छात्रवृति प्रदान करने सहित गुरूकुलम के लिए संकल्पित है,जिसे पुरा करने हेतू राष्ट्रीय- अन्तर्राष्ट्रीय सीएसआर फंडिंग व जन सहयोग सहित अणेय इंडिया ग्रामीण व अविकसित क्षेत्रो मे संपूर्ण विकास के लिए रोजगार व आय प्रदान करने सहित अनेकानेक आवश्यक सेवाओं तथा जनहित मे समर्पित विभिन्न उत्पादों को डिजिटल इंडिया के उचित व्यवसायिक माध्यम से आमजनों तक पहुँचाने के लिए संकल्पित है। इस प्रकार जनमानस के हित मे देय विभिन्न सेवाओं व उत्पादों के माध्यम से आगामी 23-24 फाईनेंशियल वर्ष का आय-व्यय निम्नतम 50 हजार करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संकल्पित है। अणेय इंडिया उक्त आय का 99% शिक्षा के संपूर्ण विकास को समर्पित करता है,जिससे अणेय इंडिया के उक्त संकल्पित लक्ष्य को प्राप्त करने मे सहायक सिद्ध होगा।
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