
यूथ फोर एक्सपोर्ट प्रोग्राम के तहत युवाओं को आत्मनिर्भर निर्यातक बनाने का प्रयास
बिंग एक्सपोर्टर संस्था की पहल, चार महीने तक कॉलेज के प्रथम वर्ष से मास्टर डिग्री तक के विद्यार्थियों को दिया जाएगा निःशुल्क प्रशिक्षण
सूरत: देश के युवाओं को निर्यात के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से बिंग एक्सपोर्टर ने एक अनूठा प्रशिक्षण प्रोग्राम ‘यूथ फोर एक्सपोर्ट’ शुरू किया है। इस पहल के संस्थापक भगीरथ गोस्वामी ने बताया कि यह प्रोग्राम कॉलेज के प्रथम वर्ष से लेकर मास्टर डिग्री तक के विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें उन्हें मुफ्त प्रशिक्षण और स्टाइपेंड के साथ निर्यात के क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिलेगा।
चार महीने का मुफ्त प्रशिक्षण, हर महीने स्टाइपेंड
‘यूथ फोर एक्सपोर्ट’ प्रोग्राम के तहत विद्यार्थियों को चार महीने तक रोजाना 30 मिनट की निर्यात संबंधी ट्रेनिंग और 15 मिनट की रिपोर्टिंग सत्र प्रदान किया जाएगा। इस दौरान कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्रशिक्षण में बिजनेस डीलिंग, निगोशिएशन, स्किल डेवलपमेंट, डॉक्यूमेंटेशन और लॉजिस्टिक्स जैसे सभी जरूरी पहलुओं को शामिल किया गया है। साथ ही, इंटर्नशिप करने वाले विद्यार्थियों को हर महीने 4,000 से 6,000 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।
रोजगार और उद्यमिता का सुनहरा अवसर
प्रोग्राम पूरा करने के बाद विद्यार्थी स्वयं एक निर्यातक बन सकते हैं या किसी निर्यात कंपनी में 15,000 से 20,000 रुपये मासिक वेतन की नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इंसेंटिव के रूप में अतिरिक्त आय भी अर्जित की जा सकती है। विद्यार्थी किसी निर्यात कंपनी में काम कर सकते हैं या वर्क-फ्रॉम-होम के जरिए बायर्स के साथ सीधे बिजनेस कर सकते हैं।
पेन इंडिया पहल, १०० + शहरों में शुरू किया जाएगा प्रोग्राम
यह प्रोग्राम पूरे भारत में लागू किया जा रहा है। इसके लिए 100 शहरों को चिह्नित किया गया है, और बिंग एक्सपोर्टर की 90 सदस्यों की टीम इस अभियान को गति दे रही है। प्रोग्राम का पहला इवेंट भगवान महावीर यूनिवर्सिटी में आने वाले मंगलवार को होगा। शुक्रवार को वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी (VNSGU) में दूसरा इवेंट रखा जाएगा जहां विद्यार्थियों को संबोधित किया जाएगा, साथ ही VNSGU से संबद्ध कॉलेजों के 175 से अधिक आचार्यों के साथ जूम मीटिंग आयोजित होगी।
10,000 से बढ़कर पेन इंडिया लक्ष्य
भगीरथ गोस्वामी ने बताया कि शुरुआत में 10,000 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य था, लेकिन अब इसे पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य देश के उद्यमियों और किसानों के व्यवसाय को बढ़ावा देना, विदेशी मुद्रा को भारत लाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और युवा पीढ़ी को रोजगार व उद्यमिता के नए अवसर प्रदान करना है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
भगीरथ गोस्वामी ने कहा कि हमारा सपना है कि भारत का युवा न केवल नौकरी पाए, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाए। ‘यूथ फोर एक्सपोर्ट’ इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा और देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। यह प्रोग्राम न केवल युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, बल्कि भारत के निर्यात क्षेत्र को नई दिशा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।