जी.डी. गोयनका इंटरनेशनल स्कूल द्वारा “द वर्ल्ड हेरिटेज क्विज” कार्यक्रम का आयोजन किया गया

सूरत: “विरासत को संरक्षित करना मानवता को संरक्षित करने जैसा है”। हमारी विविध संस्कृति और विरासत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, जी.डी. गोयनका इंटरनेशनल स्कूल, सूरत ने 14 जून, 2025 को स्कूल के ऑडिटोरियम में “वर्ल्ड हेरिटेज क्विज” का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हमारी भारतीय परंपरा की सांस्कृतिक विरासत की जड़ों को संरक्षित करना और अतीत की समृद्धि की सराहना करना और सराहना करके आत्मीयता को बढ़ावा देना था।

इस कार्यक्रम के तहत कक्षा 5 से 8 तक के लिए प्रारंभिक राउंड 10 जून 2025 को आयोजित किया गया था। प्रत्येक विभाग में अलग-अलग श्रेणियां रखी गई थीं। जिसमें कक्षा 5 – संगीत वाद्ययंत्र, त्यौहार, नृत्य रूप, कक्षा 6- करंट अफेयर्स, लूनर कैलेंडर; कक्षा 7- प्राचीन भारत, पौराणिक कथाएं और कक्षा 8 – मध्यकालीन और आधुनिक भारत जैसी श्रेणियां शामिल थीं। इस राउंड में प्रत्येक व्यक्ति में आगे की शिक्षा की भावना पैदा करके और उनका मनोबल बढ़ाकर अंतिम राउंड के लिए फाइनलिस्ट को शॉर्टलिस्ट किया गया।

सबसे ज़्यादा इंतज़ार अंतिम राउंड का किया जा रहा था। यह राउंड ज़्यादा चुनौतीपूर्ण था और सही मायने में मानसिक अभ्यास से भरा हुआ।

ज्ञान की अंतिम लड़ाई मैप क्वेस्ट थी, जिसने छात्रों को खोज की दुनिया में डुबो दिया। जिसमें निम्नलिखित राउंड शामिल थे: (1) टाइमलाइन टैंगल: विभिन्न घटनाओं या घटनाओं के समूह को सही कालानुक्रमिक क्रम में रखना। (2) पहेली: शब्द खेल के जरिए युवा दिमागों को इसे हल करने की चुनौती दी। (3) ऑडियो-विजुअल राउंड: “ध्वनि सुनें, विजन देखें” इस अवधारणा ने स्कूली युवाओं के अनुभव को अतीत और वर्तमान के बीच एक रोमांचक संबंध बना दिया। (4)
बिडिंग राउंड: बोली लगाने से पहले समझदारी से सोचें। यह सबसे चुनौतीपूर्ण राउंड था, जिसमें आत्मविश्वास, ज्ञान और जोखिम लेने की क्षमता का परीक्षण किया गया।

भव्य कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों के सम्मान के साथ हुआ, जिसमें सभी शिक्षक और छात्र मुस्कुराहट के साथ एक फ्रेम में कैद हो गए। फाइनलिस्ट के माता-पिता को कार्यक्रम देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने क्विज़ के बारे में अपने विचार साझा किए, जिससे स्कूल की पूरी मेहनती टीम में उत्साह की मुस्कान आ गई। हर सफलता के पीछे, कड़ी मेहनत के अनगिनत घंटे होते हैं। हर सफलता के पीछे, निरंतर सुचारू प्रबंधन की शांत शक्ति भी होती है। मिडल सेक्शन कोऑर्डिनेट श्रीमती वंदना शर्मा और सामाजिक विज्ञान विभागाध्यक्ष श्री अम्बरीश उपाध्याय के मार्गदर्शन में, सामाजिक विज्ञान टीम श्री कशिश खट्टर, श्री अमित ओझा और श्रीमती आंचल मित्तल के निरंतर प्रयासों ने दृढ़ संकल्प और सफलता की कहानी व्यक्त की। शिक्षकों ने छात्रों को हमारी विरासत का महत्व समझाने के लिए किए प्रयास देख माता-पिता खुशी से मंत्रमुग्ध हो गए और प्रसन्नता व्यक्त की।

यहां यह उल्लेखनीय है कि जी.डी. गोयनका इंटरनेशनल स्कूल, सूरत न केवल शिक्षा को बढ़ावा देता है, बल्कि स्कूल के युवाओं को विश्व की संस्कृति और प्राकृतिक खजानों से भी जोड़ता है।