जी. डी. गोयनका इंटरनेशनल स्कूल, सूरत द्वारा प्रारंभिक कक्षा के विद्यार्थियों के माता-पिता के लिए आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता कार्यशाला का आयोजन को सफलता पूर्वक किया गया।

जी. डी. गोयनका इंटरनेशनल स्कूल, में प्रारंभिक कक्षा के विद्यार्थियों के माता-पिता के लिए एक आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) कार्यशाला का सफल आयोजन किया। यह कार्यशाला प्लेग्रुप से लेकर सीनियर के.जी. (PG to Sr. KG) तक के छात्रों के माता-पिता के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई थी। इसका उद्देश्य प्रारंभिक बचपन में आधारभूत कौशलों के महत्व को उजागर करना और माता-पिता तथा शिक्षकों के बीच एक सशक्त भागीदारी को बढ़ावा देना था जिससे आजीवन सीखने वाले शिक्षार्थी तैयार किए जा सकें।
शैक्षणिक जीवन की प्रारंभिक वर्षों की महत्ता को पहचानते हुए, कार्यशाला में माता-पिता को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में वर्णित प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मकता की प्रमुख अवधारणाओं से परिचित कराया गया। यह सत्र स्कूल के विशेषज्ञ शैक्षणिक समन्वयकों द्वारा संचालित किया गया, जिन्होंने बहुमूल्य सुझाव, रणनीतियाँ और व्यवहारिक उपाय साझा किए, जिनसे माता-पिता अपने बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को घर पर सहयोग दे सकते हैं।
कार्यशाला की शुरुआत अनुभाग समन्वयक के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने समग्र प्रारंभिक शिक्षा के प्रति स्कूल की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता केवल पढ़ने, लिखने या संख्या की पहचान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बच्चों को अपनी बात स्पष्ट करना, समझना, तार्किक रूप से सोचना और समस्याओं को हल करना सिखाना भी शामिल है।

सत्र को दो मुख्य भागों में विभाजित किया गया —

आधारभूत साक्षरता का संचालन श्रीमती अंकिता मुलिया द्वारा और आधारभूत संख्यात्मकता का संचालन श्रीमती श्रेया नारंग अनेजा द्वारा किया गया।
माता-पिता को भाषाई कौशल जैसे सुनना, बोलना, शब्दावली निर्माण, कहानी सुनाना, ध्वन्यात्मक जागरूकता और प्रारंभिक पढ़ने की आदतों को खेल-आधारित गतिविधियों और दैनिक संवाद के माध्यम से विकसित करने के तरीकों को प्रस्तुतियों और प्रदर्शन के माध्यम से समझाया गया।

संख्यात्मकता सत्र में माता-पिता को सरल परंतु प्रभावशाली तकनीकों से परिचित कराया गया, जिनसे वे अपने बच्चों में संख्यात्मक सोच विकसित कर सकें। संख्या पहचान, गिनती, तुलना, क्रम, अनुक्रमण और माप से जुड़ी शुरुआती अवधारणाएँ हाथों-हाथ प्रदर्शनों के माध्यम से समझाई गईं।कार्यशाला में मल्टी-सेंसरी लर्निंग के महत्व को भी रेखांकित किया गया, जिसमें बच्चे अपने इंद्रियों के माध्यम से सीखते हैं — जैसे कि दृश्य-श्रव्य सामग्री, स्पर्शनीय वस्तुएँ, और गतिविधि-आधारित तरीके।

संचालकों ने यह भी बताया कि कैसे गीत, कविताएँ, पहेलियाँ, खेल, चित्र-पुस्तकें और कहानी-कथन दोनों — साक्षरता और संख्यात्मकता के विकास में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
सत्र के अंत में एक प्रश्नोत्तर दौर और प्रतिक्रिया सत्र रखा गया।
माता-पिता ने इस पहल की सराहना की और बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में स्कूल द्वारा उन्हें भागीदार बनाए जाने के प्रयासों की प्रशंसा की।
यह कार्यशाला पूर्ण रूप से सफल रही, जिससे माता-पिता और शिक्षकों के बीच विश्वास, पारदर्शिता और सहयोग को बढ़ावा मिला।
जी. डी. गोयनका इंटरनेशनल स्कूल, सूरत प्रारंभिक शिक्षा में उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए सतत रूप से प्रतिबद्ध है, ताकि हर बच्चे की अकादमिक यात्रा एक मजबूत और आनंददायक शुरुआत के साथ शुरू हो।

Conducted by Mrs. Ankita MuliaConducted by Mrs.Shreya NarangG D Goenka International SchoolNumeracy Workshopsurat