गुजरात इंडिपेंडेंट प्री-स्कूल एसोसिएशन ने प्रीस्कूल पंजीकरण नियमों में विसंगतियों को दूर कर नई पॉलिसी बनाने की मांग की

गुरुवार को समूचे गुजरात से GIPSA (गुजरात इंडिपेंडेंट प्रीस्कूल एसोसिएशन) के प्रमुख प्रतिनिधि प्री-स्कूलों के पंजीकरण के लिए हाल के कड़े नियमों और प्री-स्कूल नीतियों में विसंगतियों पर स्पष्टीकरण देने और प्रीस्कूलों को बचाने के लिए एक साथ आए। पूरे गुजरात यानी वडोदरा, सूरत, राजकोट, अहमदाबाद और गांधीनगर प्रीस्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मिलकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्री, सभी जिलों के कलेक्टर, शिक्षा अधिकारी, के समक्ष अपना पक्ष रखा और बदले गए नियमों को निरस्त कर नई पॉलिसी बनाने की मांग की।

शासन द्वारा बनाये गये नियमों के विरूद्ध प्री-स्कूलों का पंजीकरण हेतु प्रस्तुतीकरण :-

1 – कोई भी (आवासीय, वाणिज्यिक, शैक्षणिक) बीयू अनुमति स्वीकार की जानी चाहिए और बीयू अनुमति नहीं होने की स्थिति में संरचनात्मक स्थिरता प्रमाणपत्र भी स्वीकार किया जाना चाहिए।

2- 15 वर्ष के बजाय सरल पंजीकृत लीज एग्रीमेंट

11 महीने के नोटरीकृत किरायेदारी समझौते की अनुमति देने से यह समस्या हल हो जाती है।

3 – प्री-स्कूल रजिस्ट्रेशन के लिए ट्रस्ट/नॉन-प्रॉफिट कंपनी/को-ऑपरेटिव सोसाइटी के साथ-साथ प्रोपराइटरशिप या पार्टनरशिप का विकल्प भी होना चाहिए।

सभी कोर कमेटी के सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री को वैध अभ्यावेदन दिया है कि सरकार को इन लघु-स्तरीय इकाइयों को बंद नहीं करना चाहिए और 3 से 6 साल के बच्चों को घर के करीब मातृ प्रेम की सेवा देने वाली संस्थाएं और अपने पैरों पर खड़ी गुजरात की महिलाओं के पक्ष में निर्णय करने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया।

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