रोबोटिक्स और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग शिक्षा का प्रमुख केंद्र – भगवान महावीर विश्वविद्यालय

पिछले कुछ वर्षों में, विभिन्न क्षेत्रों में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग महत्वपूर्ण हो गया है। नई तकनीकों का आगमन हाई प्रोडक्टिविटी, एफिशिएंसी और इनोवेशन का युग लेकर आया है। भगवान महावीर यूनिवर्सिटी का रोबोटिक्स और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग प्रोग्राम छात्रों को तेज और लगातार बदलती टेक्नोलॉजी की इस दुनिया के लिए तैयार करने के मामले में एक मान्यता प्राप्त कार्यक्रम है।

रोबोटिक्स का उदय: रोबोटिक्स अब आधुनिक दुनिया के विकास में मुख्य भूमिका निभा रहा है।

सूरत : मैन्युफैक्चरिंग में, रोबोट प्रोडक्शन और एक्यूरेसी को लेवल करने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। वे कई दोहराए जाने वाले कार्यों को पूर्ण सटीकता के साथ करने में सक्षम हैं। इसके परिणामस्वरूप, तेजी से प्रोडक्शन होता है और गलतियों की संख्या कम होती है, नतीजतन, यह प्रोडक्शन की गुणवत्ता में वृद्धि को बढ़ावा देता है और कुल लागत को कम करता है। रोबोटों को जोखिम भरे या थका देने वाले काम में लगाया जा सकता है, जिससे इंसानों को होने वाले खतरों से बचाया जा सके।

हेल्थकेयर: हेल्थकेयर में रोबोटिक्स का प्रयोग कई प्रक्रियाओं को इम्प्लीमेंट करने के लिए किया जाता है। वे ऑपरेशन के दौरान सहायता प्रदान करते हैं, ऑपरेशन को यथासंभव कम इनवेजिव और सटीक बनाते हैं, जिससे रोगी ट्रामा दे जल्दी बाहर निकला पाता है और उसके ठीक होने का समय कम हो जाता है।

रोबोटिक एक्सोस्केलेटन के उपयोग से पुनर्वास में तेजी आ सकती है, इससे मरीज फिर से चलना और काम करना सीख सकते हैं। संक्षेप में, हेल्थ केयर में रोबोट एफिशिएंसी, एक्यूरेसी और पेशेंट सैटिसफैक्शन को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने के बारे में है।

कृषि: कृषि में टेक्नोलॉजी उत्पादकता वृद्धि और सरल और जटिल दोनों कार्यों की तकनीकी प्रगति से जुड़ी हुई है। रोपण, खेती और निराई जैसी प्रक्रियाओं को ऑटोमेट करने की क्षमता हमें मैन्युअल लेबर से छुटकारा पाने और उत्पादकता बढ़ाने में सक्षम बनाती है। कृषि कार्यों में उपयोग किए जाने वाले रोबोट सस्टेनेबल ऑपरेशंस को साकार करते हैं, संसाधनों की बचत करते हैं और फसल की पैदावार बढ़ाते हैं।

भगवान महावीर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को यह अध्ययन करने का मौक़ा मिलता है कि कैसे ये प्रैक्टिकल एप्लीकेशंस हमारी एफिशिएंसी और इनोवेशन को बूस्ट करते हैं।

ऑटोमेशन इन एक्शन :

ऑटोमेशन, जो की रोबोटिक्स की मूल इकाई है, अलग-अलग सेक्टर्स में
वर्क प्रोसेसों और जॉब ऑपरेशंस स्टैंडर्ड्स को फिर से तैयार कर रही है। प्रोसेसिंग में सेंसर, एक्चुएटर और नियंत्रण प्रणाली जैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग हो रहा है, वहींऑटोमेशन, मानव भागीदारी को कम करता है, जिससे गलतियाँ होने की सम्भावना घटती हैं और और आउटपुट मैक्सिमाईज़ हो पाता है। अपनी कक्षाओं में, हम अपने स्टूडेंट्स के साथ कुशलतापूर्वक ऑटोमेशन करने की मूल बातें साझा करते हैं, उदाहरण के लिए स्मार्ट कारखानों में अच्छी तरह से तैयार प्रोडक्शन लाइनें और ड्राइविंग लॉजिस्टिक्स को बढ़ाने के लिए सेल्फ-ड्राइविंग कारों की क्षमता के बारे में बताते हैं। प्रयोगशाला में अभ्यास और कई ऑपरेशनल गतिविधियों के माध्यम से स्टूडेंट्स सीखते हैं कि रोबोटिक्स और ऑटोमेशन सिस्टम्स को कैसे डिजाइन, ऑपरेट और सुधारना है, इस प्रकार वे खुद को इस क्षेत्र में लीडर बनने के काबिल बनाते हैं।

अत्याधुनिक तकनीक:

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग और कंप्यूटर विज़न के विकास के साथ, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। ये प्रौद्योगिकियां रोबोटों को अनुकूल बनाती हैं, नॉलेज प्रोड्यूसर्स बनाती हैं और उन्हें आस-पास की चीजों के साथ बुद्धिमानी से बातचीत करने में सक्षम बनाती हैं। वे अब सेल्फ-नेविगेशन, ऑब्जेक्ट रिकग्निशन और लोगों के साथ सहयोग करने जैसी क्षमताओं को सीखने में सक्षम हैं। इस बिंदु को ध्यान में रखते हुए, भगवान महावीर विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम छात्रों को रोबोटिक्स में लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ प्रशिक्षित करता है, जिससे वे वास्तविक समस्याओं पर रोबोटिक्स अप्लाई करने की समझ विकसित कर पाते हैं।

एआई, मशीन लर्निंग और तेजी से बढ़ रही कंप्यूटर विज़न तकनीक की बदौलत रोबोटिक्स और ऑटोमेशन वास्तव में बदल गए हैं। रोबोटों को अब प्रशिक्षित किया जा सकता है और साथ ही वे अपने वातावरण के अनुकूल भी ढल सकते हैं। वे अब ऑब्जेक्ट रिकग्निशन और प्रोडक्ट वेरिएशंस जैसे निर्णय ले सकते हैं। रोबोट अब सेल्फ-ड्राइविंग कारों जैसे क्षेत्रों में इंसानों की जगह ले सकते हैं। कॉलेज पाठ्यक्रम इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह न केवल छात्रों को लेटेस्ट क्रिटिकल डेवलपमेंट्स में शामिल करता है बल्कि उन्हें रियल लाइफ प्रॉक्ब्लम्स के समाधान के लिए रोबोटिक्स का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित भी करता है।

चुनौतियाँ और अवसर:

रोबोटिक्स और ऑटोमेशन से मुनाफा कमाने की क्षमता के बावजूद, लागत, इम्प्लीमेंटेशन और रेगुलेशंस एक समस्या है। दूसरी ओर, कहीं न कहीं चुनौतियाँ हमें विकास, इनोवेशन और उनसे पार पाने के लिए प्रेरित करती हैं। व्यवसाय ऐसी बाधाओं को दूर करने में सक्षम होते हैं जो उन्हें और अधिक प्रभावी, सस्ता और साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाता है। हमने रोबोटिक्स और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग के तकनीकी ज्ञान प्रदान करने से बढ़कर एक ऐसा कार्यक्रम विकसित किया है, जो छात्रों को गंभीरता से सोचने, समस्याओं को हल करने और चुनौतियों का सामना करते हुए नए अवसरों का लाभ उठाने में मदद करता है।

भगवान महावीर विश्वविद्यालय में रोबोटिक्स और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग प्रोग्राम महज एक नॉलेज-इम्पार्टिंग कोर्स नहीं है; इसका उद्देश्य भविष्य के प्रोफेशनल्स में ऐसी दक्षताओं का निर्माण करना है जो उन्हें मेजर कॉनट्रीब्युटर्स, क्रिएटिव सॉल्यूशन फाइंडर्स, और इंडस्ट्री चीफ्स बनाने का है।

हमारे शिक्षक थ्योरेटिकल नॉलेज, प्रैक्टिकल एप्लीकेशंस और इंडस्ट्री प्रैक्टिसेज से भली-भाँती सुसज्जित हैं और रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के विकास में दीर्घकालिक योगदान देने के लिए तैयार हैं । जैसे-जैसे दुनिया तेजी से टेक-ड्रिवेन सॉल्यूशन की ओर बढ़ रही है, हमारे छात्र सामाजिक भलाई के लिए टेक्नोलॉजी को इनोवेट करने वाले लीडर्स बन जाएंगे।