ऑयल फ्री इंडिया : जी.डी. गोयनका स्कूल की अनोखी पहल, जो छात्रों और परिवारों में स्वस्थ कुकिंग को बढ़ावा देती है

इंटरनेशनल स्कूल में सप्ताहभर चलने वाला “ऑयल फ्री इंडिया” जागरूकता अभियानआयोजित किया गया।

इस अभियान का उद्देश्य विद्यार्थियों और उनके परिवारों को रोज़मर्रा के भोजन में तेल का कम प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना था। अभियान की शुरुआत प्रत्येक कक्षा में बनाए गए ऑयल बोर्ड से हुई। इन बोर्डों को विद्यार्थियों ने स्वयं रचनात्मक ढंग से सजाया था, जिनमें तेल कम करने के फायदों पर जानकारीपूर्णतथ्य, नारे और स्वास्थ्य संबंधी सुझाव प्रदर्शित किए गए। इन आकर्षक प्रदर्शनों ने विद्यार्थियों में जिज्ञासा जगाई और चर्चा का विषय बने। ‘अपने तेल सेवन के बारे में जानें’ सर्वेक्षण आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनेपरिवार के दैनिक और साप्ताहिक तेल के उपयोग का आकलन किया। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिली कि पकाने की आदतों में छोटे-छोटे बदलाव स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।

एक प्रेरणादायक ‘ऑयल टॉक’ भी आयोजित किया गया, जिसमें एक छात्र वक्ता ने तेल-मुक्तपकवानों के फायदों पर प्रकाश डाला। वक्ता ने बताया कि तेल-मुक्त भोजन न केवल स्वास्थ्य जोखिमों को कम करता है, बल्कि बेहतर जीवनशैली को भी बढ़ावा देता है। साथ ही, उन्होंने सबको आसान और स्वास्थ्यवर्धक पाक विधियाँ अपनाने का आग्रह किया।विद्यालय परिसर में एक ऑयल चार्ट भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार के तेलों की तुलना, उनके पोषण मूल्य और स्वस्थ विकल्प जैसे – भाप में पकाना, भूनना या बेक करना – दर्शाए गए। यह चार्ट विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ। अभियान का मुख्य आकर्षण रहा ‘ऑयल-फ्री फूड डेमोंस्ट्रेशन’’ तेल-रहित भोजन पाक विधि’,जिसमें स्वादिष्ट व्यंजन बिना तेल की एक भी बूँद के तैयार किए गए। इसने सिद्ध कियाकि स्वस्थ भोजन स्वादिष्ट भी हो सकता है। यह संदेश को परिवारों तक पहुँचाने के लिए विद्यार्थियों ने घर पर अपने माता-पिता के साथ तेल-मुक्त भोजन बनाने की गतिविधि की। उन्होंने फ़ोटो लाकर और अपने अनुभव साझा करके इसे एक पारिवारिक पहल बना दिया। सप्ताहभर चला यह “ऑयल फ्री इंडिया” अभियान उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ और विद्यार्थियों ने यह संकल्प लिया कि वे न केवल स्वयं स्वस्थ विकल्प अपनाएँगे बल्कि अपने समुदाय में भी तेल-मुक्त और सजग भोजन का संदेश फैलाएँगे।