आरटीई में एडमिशन के लिए अमीर मां-बाप बन गए ‘गरीब’, अभी तक 100 प्रवेश रद्द

आरटीई अधिनियम के तहत गरीब छात्रों को भी अच्छे निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रवेश दिया जाता है और 8वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है

सूरत। आरटीई अधिनियम के तहत गरीब छात्रों को भी अच्छे निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रवेश दिया जाता है और 8वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है। लेकिन कुछ अमीर माता-पिता भी इसका फायदा उठाकर कागजों पर झूठा गरीब बन जाते हैं और गरीब छात्रों का हक्क मार देते हैं। शहर के सभी स्कूलों ने अपने तरिके से सर्वे करके छात्रों के माता पिता की आय समेत निवास और उनकी आर्थिक परिस्थिति को लेकर रिपोर्ट बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने कर्मचारियों से फिर से जांच करवायी थी। शहर में माता-पिता झींगा तालाब के मालिक होने और 50 लाख का लोन लेने के बावजूद भी फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर आरटीई के तहत अपने बच्चों का एडमिशन कराने की बात सामने आई है। अब तक 100 एडमिशन रद्द कर दिए गए है। सूरत जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ऐसे अभिभावकों को भी अपनी बात रखने का मौका दिया गया। आज सभी संदिग्ध अभिभावकों को सूरत जिला शिक्षा विभाग कार्यालय में बुलाया गया। लेकिन बड़ी संख्या में अभिभावक अनुपस्थित रहे। तो कुछ लोग खुद को गरीब दिखाने के लिए चप्पल पहनकर आ गए। उसके पास ऐसे-ऐसे बहाने थे कि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी दंग रह गए।