“गुजराती फिल्म उद्योग का भविष्य उज्ज्वल : गुजराती वेब सीरीज भी डेवलप होनी चाहिए” : हीना जयकिशन

“सूरत की उभरती अभिनेत्री हीना जयकिशन कहती हैं कि गुजराती फिल्मों की आधुनिक कहानियां, डिजिटल तकनीक का उपयोग, रीमिक्स, डिस्को और मधुर गीत-संगीत बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों को आकर्षित कर रहे हैं। यह रुझान उद्योग के समग्र विकास के लिए एक अच्छा संकेत है।”

सूरत :“पिछले डेढ़ दशक में, गुजराती फिल्म उद्योग ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। चाहे वह एक्शन हो, हॉरर हो, सस्पेंस थ्रिलर हो, कॉमेडी हो या समाज को सकारात्मक संदेश देने वाली फ़िल्म हो, नए विचारों पर आधारित अनेक गुजराती फ़िल्मों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लोकप्रियता हासिल की है। नए कॉन्सेप्ट वाली आधुनिक विषय-आधारित फ़िल्मों को दर्शकों ने सराहा है और बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त हिट साबित हुई हैं। आज, साल-भर के दौरान, औसतन 100 जितनी गुजराती फ़िल्मों का निर्माण हो रहा हैं। युवा फिल्म निर्माता अपनी प्रतिभा, रचनात्मकता और फिल्म निर्माण के प्रति जुनून से वैश्विक सिनेमाई उत्कृष्टता का परिचय दे रहे हैं, जो वास्तव में गुजराती सिनेमा के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।” यह कहना है सूरत की उभरती अभिनेत्री हीना जयकिशन का।

हीना ने 2020 से अब तक 5 सालों में 12 गुजराती फिल्मों में अभिनय किया है। वह हाल ही में रिलीज़ हुई गुजराती कॉमेडी ड्रामा फिल्म ‘चनिया टोली’ में अपने अभिनय और दर्शकों से मिली सराहना को लेकर बेहद उत्साहित हैं। हिना का कहना है कि, इस मनोरंजक फिल्म ने रिलीज के पहले सप्ताह में ही 10 करोड़ से अधिक का ऐतिहासिक कलेक्शन किया है। सूरत की हीना सिनेमा उद्योग में करियर डेवलपमेंट के प्रति बहुत सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है।

एक बातचीत के दौरान, हीना ने गुजराती फिल्म उद्योग, इसमें उपलब्ध अवसरों, फिल्म प्रमोशन और आज की आधुनिक फिल्मों पर अपने विचार साझा किए।

प्रश्न : अपने करियर, अभिनय और स्क्रीन अनुभव के बारे में बताइए।

हीना : मैंने 2015 में सूरत के भगवान महावीर कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद, मैंने मुंबई की एक आईटी कंपनी में जॉब ज्वाइन किया। अभिनय के क्षेत्र में मेरा कोई बैकग्राउंड नहीं है। हालांकि, मुझे हमेशा से अभिनय में रुचि रही है। अपनी जॉब से समय निकालकर, मैं वीकेंड में ऑडिशन देती रहती थी। मॉडलिंग के अलावा, मैंने कुछ गानों में भी परफॉर्म किया और कुछ विज्ञापन फिल्मों में भी काम किया। मेरे काम की सराहना हुई और मुझे प्रोत्साहन मिला, जिसके बाद मैंने अभिनय और फिल्मों में अपना करियर बनाने का निर्णय किया। मैंने जॉब छोड़ दी और एक्टिंग में करियर बनाने के मजबूत इरादे से ऑडिशन देना शुरू कर दिया। हालांकि, उसी दौरान, साल 2020 में, कोरोना के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन लग गया। छह महीने तक कोई काम नहीं था। फिर भी, मैं घर से ऑनलाइन ऑडिशन देती रहती थी। किस्मत ने मेरा साथ दिया और मुझे एक गुजराती फिल्म ‘कही दे ने प्रेम छे’ में काम करने का मौका मिला। मेरे काम को सराहा गया और इसके बाद मुझे कई फिल्मों में काम करने का मौका मिला। पांच सालों में, मैंने अब तक 12 फिल्मों में अभिनय किया है। मैंने एक हिंदी फिल्म में भी काम किया है, जो अगले साल जनवरी में रिलीज़ होने वाली है।

प्रश्न : आपके द्वारा निभाए गए यादगार किरदार कौन से हैं.?

हीना : कहीं दे ने प्रेम छे, नासूर, वेलकम पूर्णिमा, चार फेरा नु चकडोल, विश्वगुरु, कच्छ एक्सप्रेस, मारु मन तारु थयु, मीरा आदि मेरी फ़िल्मंं हैं। पुरस्कार विजेता फ़िल्म ‘कच्छ एक्सप्रेस’ मेरी पसंदीदा फ़िल्म है। इसके अलावा, फ़िल्म ‘मीरा’ का किरदार मेरे लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण था। मुझे गर्व है कि, मैं उस भूमिका को पूरा न्याय देने में कामयाब रही।

प्रश्न : आप आगे किस तरह की भूमिका निभाना चाहती हैं.?

हीना : मेरा मानना है कि, सिनेमा में महिलाओं के लिए यह एक बदलाव के दौर की शुरुआत है। चाहे गुजराती हो या हिंदी, महिलाएं इस समय फिल्मों में बेहद चुनौतीपूर्ण और उल्लेखनीय भूमिकाएं निभा रही हैं। मेरी खुद की बात करूं तो, मैं एक आईपीएस अधिकारी, सस्पेंस और पौराणिक-ऐतिहासिक फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाना चाहती हूं।

प्रश्न : गुजराती फिल्म उद्योग और उसमें युवाओं के लिए करियर विकास के अवसरों के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी.?

हीना : वर्तमान समय में गुजराती फिल्म उद्योग का अच्छा ग्रोथ हो रहा है। वर्षभर के दौरान, लगभग 100 जितनी गुजराती फिल्में निर्मित हो रही हैं। कई फिल्मों को दर्शकों से बहुत उमदा रिसपोंस मिला है। आधुनिक विषयों पर आधारित कई गुजराती फिल्में अब ग्रामीण दर्शकों के साथ-साथ शहरी, उच्च वर्ग, युवा और मल्टीप्लेक्स दर्शकों को भी आकर्षित कर रही हैं। तकनीकी परिवर्तन के साथ, गुजराती फिल्मों की कहानी और मार्केटिंग में भी बड़ा बदलाव आया है। फिल्म उद्योग में बड़ी संख्या में युवा निर्देशक, कलाकार, गीतकार, संगीतकार और कई पेशेवर कलाकार सफलता के शिखर पर पहुंच चुके हैं। गुजराती लोग आज दुनिया भर में बसे हुए हैं। फिर भी, अपनी भाषा और संस्कृति से उनका एक अनोखा लगाव है। गुजराती संस्कृति पर आधारित फिल्मों में अब मॉडर्न टच देखने को मिल रहा है। रीमिक्स, डिस्को और मधुर संगीत दर्शकों को पसंद आ रहे हैं। गुजराती फिल्मों के प्रशंसक बढ़ रहे हैं। कुछ फिल्मों ने सिनेमाघरों में रजत जयंती और स्वर्ण जयंती भी मनाई है। यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि, गुजराती फिल्मों का भविष्य उज्ज्वल है।

प्रश्न : गुजराती फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए और क्या नए प्रयास किए जा सकते हैं.?

हीना : मेरा मानना है कि, गुजराती फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए हिंदी और अंग्रेजी वेब सीरीज़ की तरह गुजराती वेब सीरीज़ भी डेवलप की जानी चाहिए। इससे उभरते कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।

प्रश्न : क्या आपको फ़िल्मी करियर के लिए अपने परिवार से कोई सहयोग मिला है.?

हीना : सच कहूं तो, अपने परिवार के सहयोग की बदौलत ही मैं फ़िल्मों में अपनी जगह बना पाई हूं। मेरे माता-पिता और ससुराल, दोनों ने ही मुझे पूरा प्रोत्साहन दिया है।