सूरत: सिविल अस्पताल में 44वा अंगदान, सूरत बारडोली तालुका के सरभोन गांव के हडपती परिवार के ब्रेन डेड नरेश भाई हडपती के लीवर और फेफड़ों के दान से दो लोगों को नया जीवन मिला है

हेल्थ रिपोर्टर। सूरत: बारडोली तालुका के सरभोन गांव के हडपती परिवार के ब्रेन डेड नरेश भाई हडपती के लीवर और फेफड़ों के दान से दो लोगों को नया जीवन मिला है। सूरत शहर की नई सिविल अस्पताल में डॉक्टर के प्रयास के कारण गुरुवार को 44वा सफल अंगदान हुआ है। सूरत जिले के बारडोली तालुका के सरभोन गांव के चांद देवी फड़िया में रहने वाले 40 वर्षीय नरेश भाई रमन भाई हडपती खेती का काम कर परिवार का गुजारा करते हैं। 12 सितंबर को सुबह बाथरूम में जाकर ब्रश कर रहे थे। तभी अचानक चक्कर आकर नीचे गिर गए। जिससे परिवार द्वारा उन्हें तात्कालिक बारडोली में सरदार अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें सूरत की नई सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया। सिविल अस्पताल में उन्हे ब्रेन हेमराज होने की बात सामने आई। इसके बाद इलाज के दौरान 13 सितंबर को रात के 11:00 बजे की करीब डॉक्टरों की टीम ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद परिवार वालों को अंगदान की प्रक्रिया समझाई गई। सहमति मिलने के बाद नोटों की गाइडलाइन के अनुसार अंगदान की प्रक्रिया शुरु की गई। जिस में गुरुवार को ब्रेन डेड युवक का लीवर अहमदाबाद की जायडस हॉस्पिटल और फेफड़े दिल्ली गुडगांव में मेदांता हॉस्पिटल में दान किया गया।