सूरत। सूरत महानगरपालिका संचालित मस्कती अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन की कमी के कारण सैकड़ों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मस्कती अस्पताल जहां खासकर कोट क्षेत्र के नागरिकों के लिए वरदान साबित हो रहा है, वहीं ज्ञात हो कि प्रशासनिक तंत्र मस्कती अस्पताल में सोनोग्राफी सुविधा की स्थापना को लेकर आंखें मूंदे हुए है। खासकर गर्भवती महिलाओं और आपातकालीन स्थिति में मरीजों को निजी अस्पतालों में पैसे खर्च करने पड़ते हैं। शहरवासियों के हित में सोनोग्राफी सुविधा नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी इमरजेंसी मरीजों और गर्भवती महिलाओं को होती है। सूरत महानगरपालिका द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं पर सालाना करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं। खासकर सहारा दरवाजा स्थित स्मीमेर अस्पताल में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए कोट क्षेत्र के मस्कती अस्पताल को अपग्रेड करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन सबसे बड़ी खामी मस्कती अस्पताल में सोनोग्राफी में देखने को मिल रही है। एक समय स्वास्थ्य विभाग ने मस्कती अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा स्थापित की थी, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण अब मरीजों को इस सुविधा से वंचित होने की नौबत आ गई है। लोगों द्वारा मस्कति अस्पताल में सोनोग्राफी सुविधा शुरू करने की मांग की जा रही है।