शेल्बी अस्पताल सूरत ने इतिहास बनायाः दक्षिण गुजरात में क्रानियोसिनोस्टोसिस जैसी दुर्लभ सर्जरी सफलतापूर्वक आयोजित की

सूरत, गुजरात, 29 अप्रैल 2025: शैल्बी हॉस्पिटल, सूरत ने दक्षिण गुजरात में पहली बार क्रेनियोसिनोस्टोसिस सर्जरी कर एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि हासिल की है। इस जटिल सर्जरी के सफल होने से अब इस क्षेत्र के बच्चों को उन्नत न्यूरोसर्जरी सेवाएं अपने ही शहर में उपलब्ध हो सकेंगी।

क्रेनियोसिनोस्टोसिस एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें शिशु के सिर की हड्डियों के बीच मौजूद नरम जोड़ समय से पहले बंद हो जाते हैं। सामान्य रूप से ये जोड़ खुले रहते हैं ताकि मस्तिष्क के विकास के साथ सिर का आकार भी बढ़ सके। यदि समय से पहले ये जोड़ बंद हो जाएं, तो इससे सिर का आकार असामान्य हो सकता है, जिससे खोपड़ी के भीतर दबाव बढ़ सकता है. और शिशु के विकास में देरी आ सकती है। इससे दृष्टि संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। इस बीमारी का कारण कई बार अज्ञात होता है, जबकि कुछ मामलों में यह आनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है।

यह स्थिति प्रभावित जोड़ों के आधार पर विभिन्न प्रकारों में बांटी जाती है, जैसे सैजिटल सिनोस्टोसिस, कोरोनल सिनोस्टोसिस, मेटोपिक सिनोस्टोसिस और लैम्ब्डॉइड सिनोस्टोसिस। इलाज के तौर पर सर्जरी ही मुख्य विकल्प होती है, जिसमें ओपन सर्जरी, एंडोस्कोपिक सर्जरी और डिस्ट्रैक्शन ऑस्टियोजेनेसिस जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग होता है।

शेल्बी हॉस्पिटल, सूरत में यह जटिल सर्जरी डॉ. मोहित गोयल के नेतृत्व में सफलतापूर्वक की गई। डॉ. गोयल एक कुशल की होल एवं एंडोस्कोपिक न्यूरोसर्जन है और क्रेनियोसिनोस्टोसिस जैसे जटिल मामलों के इलाज में छह वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। उन्होंने उडी सर्जिकल प्लानिंग, इन्ट्रा-ऑपरेटिव पीडियाट्रिक न्यूरोड्रिल और अत्याधुनिक एंडोस्कोपिक तकनीकों का उपयोग कर सर्जरी को अंजाम दिया।

शेल्बी अस्पताल के क्लस्टर प्रमुख डॉ. सुप्रिया सरकार ने कहा, “यह सफलता शैल्बी हॉस्पिटल के विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देने के अपने संकल्प का जीवंत उदाहरण है। अब दक्षिण गुजरात के मरीजों को ऐसे विशेष इलाज के लिए बड़े शहरों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। हमारा प्रयास है कि नवीनतम तकनीक और विशेषज्ञता के जरिए हम हर मरीज को सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराएं।”

इस सर्जरी के ज़रिए 11 माह की एक बच्ची का सफल उपचार किया गया है, जो बाइलेटरल कोरोनल और मेटोपिक जोड़ के समय से पूर्व बंद होने की समस्या से पीड़ित थी। सर्जरी के बाद बच्ची तेजी से स्वस्थ हो रही है और उसके सिर के विकास में भी सुधार दिख रहा है।

यह उपलब्धी शैल्बी हॉस्पिटल को न केवल बाल चिकित्सा और न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में अग्रणी बनाती है, बल्कि समाज के प्रति इनकी सेवा भावना और गुणवत्ता पूर्ण इलाज के वादे को भी सशक्त करती है।

CraniosynostosisDr. Mohit GoyalShalby Hospitalsurat