गुजरात में एक और भर्ती घोटाला आया सामने : ऊर्जा विभाग में ऑनलाइन परीक्षा में घपले का पर्दाफाश

सॉफ्टवेयर की मदद से उम्मीदवारों की मदद कर करवाते थे पास, सूरत के एक इंस्टीट्यूट संचालक समेत दो गिरफ्तार

सूरत: पिछले कुछ वर्षो से गुजरात में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले सामने आते रहे हैं। इस बीच अब एक और भर्ती घोटाला सामने आने से हड़कंप मच गया है।
क्राइम ब्रांच पुलिस ने ऊर्जा विभाग में भर्ती के लिए ली जाने वाली ऑनलाइन परीक्षा में विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से उम्मीदवारों को पास करवाने के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने सूरत, अहमदाबाद, राजकोट और वड़ोदरा के कुल 10 आरोपियों को नामजद करने के साथ दो जनों को गिरफ्तार किया है। घोटाला सामने आने के बाद आरोपियों की मदद से परीक्षा पास कर नौकरी पाने वालों में खलबली मच गई।
क्राइम ब्रांच पुलिस के मुताबिक वर्ष 2020-21 में दक्षिण गुजरात विद्युत कंपनी लिमिटेड, मध्य गुजरात विद्युत कंपनी लिमिटेड, पश्चिम गुजरात विद्युत कंपनी लिमिटेड, उत्तर गुजरात विद्युत कंपनी लिमिटेड और गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 2156 विद्युत सहायकों की भर्ती निकाली गई थी। इसके लिए सूरत, अहमदाबाद, वड़ोदरा और राजकोट में ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया गया था। पुलिस ने बताया कि उम्मीदवारों को पास कराने के लिए एजेंट समेत एक गिरोह सक्रीय हुआ था। इस गिरोह ने परीक्षा केन्द्रों के मालिकों से लेकर कम्प्यूटर लैब इंचार्जो को भी अपने षडयंत्र में शामिल किया था। गिरोह ने परीक्षा केन्द्र के कम्प्यूटर में एक विशेष सोफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया था। जिससे उम्मीदवार परीक्षा खंड में सिर्फ कम्प्यूटर स्क्रीन के सामने बैठता था और जवाब परीक्षा के खंड के बाहर से अन्य व्यक्ति देते थे। इस तरह उम्मीदवारों को पास कराने के लिए हाइटेक तकनीक का उपयोग किया गया था। कई उम्मीदवार इस गिरोह ने पास करवा दिया और उन्हें ऊर्जा विभाग में नौकरी भी मिल गई। इस घोटाले की जानकारी जब सूरत क्राइम ब्रांच को मिली तो गुप्त तरीके से इसकी जांच की जा रही थी। सूबत मिलने पर शुक्रवार को क्राइम ब्रांच पुलिस ने सूरत, वड़ोदरा, अहमदाबाद और राजकोट के कुल दस आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर वड़ोदरा से इन्द्रवदन अश्विन परमार और मोहम्मद उवेश मोहम्मद रफीक कापडवाला को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्यों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
– इन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज:-
इन्द्रवदन अश्विन परमार (एजेंटों के जरिए उम्मीदवारों के नाम प्राप्त कर उन्हें परीक्षा केन्द्र तक पहुंचाया), मोहम्मद उवेश मोहम्मद रफीक कापडवाला (सूरत में सारथी एकेडमी का संचालक), सांई कुमार (अमरोली सु-टेक्स कॉमर्स कॉलेज में कम्प्यूटर लैब का इंचार्ज), भास्कर गुलाबचंद चौधरी (वड़ोदरा स्थित स्टेक वाइज टेक्नोलॉजी का संचालक), चिरायू शाह, इमरान, अनिकेत भट्ट (वड़ोदरा में सेवन क्लाउड, अहमदाबाद में श्रेय इन्फोटेक और राजकोट में सक्सेस इन्फोटेक के मालिक), वड़ोदरा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज की कम्प्यूटर लैब का इंचार्ज, निशिकांत सिंहा वडोदरा की इंजीनियरिंग कॉलेज के कम्प्यूटर लैब इंजार्च का साथी, विद्युत प्रकाश (वड़ोदरा की के.जे.आई. इंजीनियरिंग कॉलेज की कम्प्यूटर लैब का इंचार्ज), अजय पटेल, मनहर पटेल (एजेंट)

– केन्द्र पर पहले ही हॉल टिकट और फोटो पहुंच जाते :

पुलिस ने बताया कि एजेंट उम्मीदवारों से संपर्क कर उन्हें पास करवाने का भरोसा दिलवाते और बदले में उनसे बड़ी राशि लेते थे। संपर्क में आने वाले उम्मीदवार का जिस परीक्षा केन्द्र पर नंबर हो वहां गिरोह के सदस्य पहले ही उम्मीदवार का हॉल टिकट और उसका फोटो पहुंचा देते। जिससे कम्प्यूटर लैब इंचार्च इन उम्मीदवारों को पास कराने की तैयारियों में जुट जाते।