AI 171 बोर्ड नहीं कर पायी भूमि: छुपा हुआ आशीर्वाद?

यक्ष प्रश्न यह है कि यदि यमराज पक्षी बन कर उपस्थित हुए थे तो क्या भूमि चौहान को भी फ्लाइट नंबर AI 171 में स्थान देने से 241 जानें बच सकती थीं ?

जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोय, बाल न बाँका कर सके जो जग बैरी होय ।

उपरोक्त कहावत का जीवंत उदाहरण गुजरात के भरूच की 32 वर्षीया भूमि चौहान आज अपने ईश्वर को अनंत धन्यवाद दे रही होंगी, जिन्होंने 10 मिनट की देरी से लंदन जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI 171 छूटने के बाद न जाने कितना दुख मनाया होगा। एयरलाइंस को न जाने कितना गरियाया होगा। अपने भाग्य को भी कितना कोसा होगा ।घर में किसी ने कहा भी होगा कि जल्दी निकलो। देर हो रही है। कहीं फ्लाइट न छूट जाए । जब बोर्डिंग के लिए पहुँची, तो लाख मिन्नतों के बाद भी उन्हें बोर्डिंग की इजाजत नहीं मिली। सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें रोका , टोका। वे गिड़गिड़ाती रहीं लेकिन वे टस से मस न हुए । उन्होंने कारण बताया कि इससे फ्लाइट में और भी देरी हो सकती है। भूमि दुखी परेशान होते हुए वापस लौट पड़ीं। गुस्से में अपना बोर्डिंग पास भी फाड़ दिया और वहाँ से निकल पड़ीं।

आमतौर पर भारत के महानगरों का ट्रैफिक जनमानस के लिए मत्थे का सूर होता है। लेकिन अहमदाबाद का यही ट्रैफिक उनके लिए वरदान साबित हुआ। अंग्रेजी की कहावत है Blessing in disguise यानि ईश्वर का आशीर्वाद कभी कभी अप्रत्यक्ष रूप से फलीभूत हो जाता है। उन्हें लगा कि लंदन का इतना महंगा टिकट बेकार हो गया । वह अपनी 10 वर्ष की बेटी को घर पर छोड़कर लंदन जा रही थी। लेकिन इस वाकये ने उनके परिवार को भारी दुख से बचा लिया।

लंदन की फ्लाइट छूटने का दर्द लिए वे लौट ही रही थीं कि उन्हें एयरपोर्ट के एग्जिट गेट पर सूचना मिली कि जिस फ्लाइट में चढ़ने के लिए मिन्नतें कर रही थीं, वो फ्लाइट उड़ान भरते ही क्रैश हो गयी, तो वह सन्न रह गयीं।

भाग्य की विडंबना देखिए कि वहीं दर्द जो अब तक उन्हें अपने लिए साल रहा था , वह अब अन्य दुर्घटनाग्रस्त यात्रियों के प्रति संवेदना बन गया था। और दूसरी ओर स्वयं की प्राण रक्षा के लिए ईश्वर के प्रति अगाध कृतज्ञता का भाव। इस प्रकरण के बाद एक ओर उनका हृदय जार जार रो रहा था, दूसरी अपनी प्राण रक्षा के लिए उन्होने अपनी इष्ट, माँ का आभार व्यक्त किया ।

लेकिन फ्लाइट नंबर AI 171 के शेष यात्री इतने भाग्यशाली नहीं थे । यह दुर्घटना कैसे हुई यह गहन जाँच का विषय है । इस पर जॉच शुरू हो भी चुकी है । किन्तु एक प्रश्न , यक्ष प्रश्न बन कर सामने खड़ा है । विभिन्न संभावनाओं में से एक संभावना यह भी मानी जा रही है कि आकाश में विमान के सामने पक्षियों के आ जाने के कारण इस दुर्घटना को अंजाम मिला। हालाँकि यह जाँच के बाद ही स्थापित हो पायेगा कि सत्य क्या है ।

और वह यक्ष प्रश्न यह है कि यदि यमराज पक्षी बन कर उपस्थित हुए थे तो क्या भूमि चौहान को भी उड़ान में स्थान देने से 241जानें बच सकती थीं ? क्या यह सामूहिक मृत्यु कांड टल सकता था ?

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