मुंबई: फार्मास्युटिकल, न्यूट्रास्युटिकल और आयुर्वेदिक दवा निर्माता झोटा हेल्थकेयर लिमिटेड ने 5 अप्रैल को मुंबई प्रेस क्लब में ‘भारतीय स्वास्थ्य सेवा और झोटा हेल्थकेयर (डेविंडिया) अहेड’ विषय और भारतीय रिटेल फार्मेसी परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के वर्ष 2023 में इसके लक्ष्यों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
झोटा हेल्थकेयर लिमिटेड के ग्रुप सीईओ डॉ. सुजीत पॉल ने संवाददाताओं को झोटा हेल्थकेयर (दवा इंडिया) के दृष्टिकोण और वर्ष 2023 के लिए भारतीय खुदरा फार्मेसी परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के लक्ष्यों के बारे में जानकारी दी। डॉ. पॉल ने आने वाले वर्षों में उभरते स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में झोटा हेल्थकेयर लिमिटेड की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने दवा इंडिया के मिशन, देश में स्वास्थ्य देखभाल व्यय में वृद्धि, विभिन्न संस्थानों में स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति में बदलाव और भारत में जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता सहित महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. पॉल ने कहा, भारत में जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरुकता बहुत कम है। जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता धीरे- धीरे बढ़ रही है। ऐसे में सबसे बड़ी निजी जेनेरिक फ़ार्मेसी श्रृंखला के रूप में दवा इंडिया के पास जबरदस्त प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है। इसके अलावा दवा इंडिया द्वारा दवाओं के बिल में 90 प्रतिशत तक की बचत एक महत्वपूर्ण कारक है।
डॉ. पॉल ने कहा, दवा इंडिया का मिशन हर भारतीय के लिए सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराना है। भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र और ब्रांडेड दवाओं की लगातार बढ़ती लागत के साथ दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोग जेनेरिक दवाओं की पहुंच से वंचित नहीं रहने चाहिए।
झोटा हेल्थकेयर लिमिटेड में हम उद्योग से शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य जेनेरिक खुदरा कंपनियां ब्रांडेड दवाएं बेचती हैं, जो अभी भी दवा इंडिया की तुलना में अधिक महंगी हैं।