
अनाथालय से गोद लिए बेटे ने की माँ की हत्या !
मध्यप्रदेश के श्योपुर में आज विशेष न्यायाधीश एलडी सोलंकी ने हत्या के जुर्म में मृत्युदंड की सजा सुनाते हुए कहा,” आरोपी किसी भी दया का पात्र नहीं है ! यह अपराध एक नृशंस प्रकृति का है ! जिस माँ ने बच्चे को अनाथालय से लाकर पाल-पास कर बड़ा किया, उसी माँ की संपत्ति के लिए हत्या करना केवल अपराधिक ही नहीं बल्कि अमानवीय भी है!”
श्योपुर, बुधवार, 23 जुलाई 2025 ! मध्यप्रदेश के श्योपुर में आज विशेष न्यायालय के न्यायाधीश ने एक युवक दीपक पचौरी को संपत्ति के लिए अपनी माँ की हत्या के जुर्म में मृत्युदंड की सजा सुनायी !
6 मई 2024 के इस हत्याकांड में बुधवार 30 जुलाई 2025 को विशेष न्यायाधीश एलडी सोलंकी ने फैसला सुनाते हुए कहा,” आरोपी किसी भी दया का पात्र नहीं है ! यह अपराध एक नृशंस प्रकृति का है ! जिस माँ ने बच्चे को अनाथालय से लाकर पाल-पास कर बड़ा किया, उसी माँ की संपत्ति के लिए हत्या करना केवल अपराधिक ही नहीं बल्कि अमानवीय भी है!” दीपक चौधरी को धारा 302 के तहत मृत्युदंड और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया तथा धारा 201 के तहत 7 साल का सश्रम कारावास और 1000 रुपयों का अतिरिक्त जुर्माना लगाया !
घटनाक्रम के अनुसार 6 मई 2024 की प्रातः दीपक की माँ उषा देवी तुलसी को जल चढ़ाने के लिए सीढियाँ चढ़ रही थी ! अवसर देख कर दीपक ने तभी उन्हें धक्का दे दिया ! फिर घायल माँ को लोहे की रॉड से मारा और आखिर में साड़ी से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी ! तत्पश्चात उसके शव को लाल कपड़े में लपेटकर घर के अंदर सीढ़ियों के नीचे बने बाथरूम में गड्ढा खोदकर दफना दिया ! फिर ईटों से चुनाई कर दी ! और बाथरूम को बेकार पड़े कबाड़ से भर दिया!
बताया जाता है कि उसने 6 मई को कोतवाली थाने में रिपोर्ट लिखवाते समय पुलिस को बताया कि उसकी माँ अस्पताल गयी थी और वहाँ से लौटी नहीं ! पुलिस को मामला संदिग्ध लगा और जाँच शुरू की गयी ! पूछताछ में उसकी बातों में विरोधाभास से पुलिस को शक हुआ और सख्ती से पूछताछ के बाद टूट कर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया । पुलिस ने दीपक की निशान देही पर बाथरूम से शव बरामद करके पोस्टमार्टम करवाया और चालान पेश किया! बुधवार को अदालत ने दीपक को दोषी मानते हुए मृत्युदंड की सजा सुनायी !
उषा देवी के भाई अशोक शर्मा ने बताया उषा और भुवनेश पचौरी के कोई संतान नहीं थी ! भुवनेश वन कर्मी थे ! उन्होंने ग्वालियर के अनाथालय से 3 साल के बच्चे को गोद ले लिया और उसका नाम दीपक रखा ! पचौरी दंपत्ति ने दीपक को खूब पढ़ाया लिखाया और उसकी परवरिश की ! वह पढ़ने में होशियार था ! 2018 में 12 वीं क्लास में उसने 94% अंक हासिल किये थे ! इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली चला गया और हत्याकांड से एक दिन पहले ही 5 मई को वह वापस लौटा था ! वारदात के बाद पुलिस की छानबीन और कड़ी पूछताछ के बाद यह भी सामने आया कि 6 माह पूर्व भी उसने माँ की हत्या का प्रयास किया था ! तब उसने माँ के खाने में चूहा मारने की दवा मिला दी थी लेकिन उल्टी होने पर तब तो माँ की जान तो बच गयी थी लेकिन तभी से वह दीपक पर संदेह करने लगी थी ! पुलिस को इस बारे में परिवार से जानकारी मिली !
दीपक के पिता भुवनेश ने 16 लाख रुपयों की एक FD करवा रखी थी, जिसका नॉमिनी दीपक को बनाया था ! 2021 में पिता की मृत्यु के बाद उसके वह FD तुड़वा ली और 14लाख रुपए शेयर बाजार में लगा दिये, जिसमें उसे भारी नुकसान हुआ ! शेष दो लाख रुपयों से वह मौजमस्ती और नशा करते हुए ऐश की जिंदगी जीने लगा। वह ऐशो-आराम के लिए महीनों तक घर से बाहर रहा। जब उसके पास पैसे खत्म हुए तो वह वापस घर लौट आया। अब उसकी नजर माँ की FD और दूसरी प्रॉपर्टी पर पड़ी ! इन रुपयों के लिए वह माँ से झगड़ता भी रहता और मारपीट भी करता था। पिता की मृत्यु के बाद उसकी माँ के पास 30 लाख रुपए की FD, दो लाख बैंक में कैश तथा आठ लाख के जेवर थे! साथ ही शिवपुरी में एक दो मंजिला मकान मिला कर कुल संपत्ति डेढ़ करोड़ रुपए की थी।