सूरत: स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में सरपट दौड़ रहे सूरत शहर में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। डुमस सी-फेस, मनपा मुख्यालय तथा बैलून बैराज जैसी योजनाओं से सूरत महानगरपालिका का कैपिटल खर्च भी बढ़ा है। मनपा ने बीते छह महीने में कैपिटल कार्यों के पीछे 1084 करोड़ खर्च किए हैं जो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के 4227 करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले 25 फीसदी है।
मनपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सूरत महानगरपालिका ने इस बार कैपिटल खर्च के तौर पर बजट में 4227 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है। इस खर्च में नए क्षेत्रों में पानी, ड्रेनेज, बिजली की सुविधाएं शामिल हैं।
बड़े प्रोजेक्टों की बात करें तो बैलून बैराज, डुमस सी फेस तथा मनपा मुख्यालय का आइकॉनिक बिल्डिंग शामिल हैं। प्राथमिक आवश्यकताओं को मिलाकर कुल 4227 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। अब तक छह महीने में मनपा 1084 करोड़ रुपए खर्च कर पाई है। इस साल अधिक बारिश के चलते विकास कार्य धीमी गति से चल रहे हैं। इस कारण बजट भी कम खर्च हुआ है। आगामी दिनों में जैसे-जैसे कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे वैसे खर्च भी बढ़ेगा। बजट के अनुसार अन्य खर्च और आय की बात करें तो कैपिटल इनकम के तौर पर पालिका ने 3389 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया था। इसमें अब तक 1329 करोड़ रुपए का लक्ष्य हासिल हो सका है। वहीं, रेवन्यू इनकम के तौर पर 5025 करोड़ रुपए के लक्ष्य के सामने 2115 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं। रेवन्यू खर्च के तौर पर 4646 करोड़ रुपए के लक्ष्य के सामने 1838 करोड़ रुपए खर्च हो पाए हैं।
आय के बड़े स्रोत प्रोपर्टी टैक्स और पेड एफएसआई
महानगरपालिका शहर के विकास के लिए हर साल बड़े पैमाने पर ख़र्च करती है। ऐसे में स्वाभाविक है कि महानगरपालिका के पास आय के स्रोत भी होने चाहिए लेकिन ऑक्ट्रोय की आय बंद होने के बाद सूरत महानगरपालिका ज़्यादातर कार्यों के लिए सरकार की ग्रांट पर भी आधार रखती है। पालिका के आय के स्रोतों में प्रॉपर्टी टैक्स तथा पेड एफएसआई के तौर पर मिलने वाली आवक को बड़े स्रोत के तौर पर माना जाता है। इसके अलावा अन्य सोर्स में वाहन टैक्स से मिलने वाली आय तथा पार्किंग सुविधा आदि में से मिलने वाली आय भी महत्वपूर्ण साधन है।