सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मृत्यु

झालावाड़, 25 जुलाई 2025 ! राजस्थान के झालावाड़, जिले के पीपलोदी गाँव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से अब तक 7 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है और 28 घायल हो गये। 28 में से 9 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं।

पीपलोदी गाँव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सुबह 7:30 बजे की घंटी बजी।  छात्र मैदान में इकठ्ठे हो गये।  बारिश हो रही थी। टीचर ने कहा कमरे में चलो वहीं प्रार्थना होगी । 20 मिनट में सब बच्चे कमरे में आ गये। बताया जाता है कि स्कूल में कुल 70 छात्र थे  35 इस कमरे में मौजूद थे। प्रार्थना शुरू हुई ही थी कि छत से चूना व कंकड़  गिरने लगे। अचानक से कमरे के एक कोने में बिल्डिंग का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया।  क्लासरूम में मौजूद 35 बच्चे दब गये।

चारों ओर किताबें एवं अन्य सामान  बिखरा पड़ा था।  बदहवास माँ-बाप अपने बच्चों को ढूँढने  लगे।  हर तरफ मलबा बिखरा पड़ा था। हादसे के बाद ग्रामीणों और अध्यापकों ने मिलकर बच्चों को मलबे से निकाला, साथ ही जेसीबी की मदद से मलबा हटा कर कुछ दबे  हुए बच्चों को भी निकाला गया।  परिवार वाले आनन फानन में बच्चों को लेकर अस्पताल की ओर दौड़ पड़े।  कुछ को उम्मीद मिली तो कुछ घरों के चिराग सदा  के लिए बुझ गये।  रैदास मोहल्ले में एक घर में दो मासूम भाई बहन एक साथ ही घर की खुशियाँ  छीन कर चले गये।

एक प्रत्यक्षदर्शी छात्रा ने बताया कि हम स्कूल में आये तो टीचर ने बोला कि अंदर बैठो , प्रार्थना करेंगे।  हम अंदर बैठ गये। किसी बच्चे ने बोला कि कंकर गिर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं गिर रहा।  तो एकदम से बिल्डिंग गिरने लगी और हम बाहर निकल आये, लेकिन वह अंदर रह गया।  स्कूल में दुर्घटना के समय दो अध्यापक थे , दोनों ही कक्षा के बाहर थे और सुरक्षित हैं।

स्कूल की हालत इतनी जर्जर है कि बाकी के छह कमरे में गिरने की स्थिति में हैं।  कमरों की छतों में दरारें नजर आती है।  4 साल से छत  टपक रही थी। बच्चों से लेकर अभिभावक तक सभी शिकायत कर चुके थे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।  हद तो तब हुई जब अध्यापकों ने बच्चों से कह दिया कि हर घर से 200 रुपये लाकर दो,  हम छत डलवा देंगे।

BDO ने कहा 4 साल पहले ग्राम पंचायत ने मरम्मत करायी थी। ग्राम विकास अधिकारी दौलत पूजन ने भी बताया 4 साल पहले इस स्कूल की मरम्मत के लिए लेटर आया था। ग्राम पंचायत ने इसकी मरम्मत करवायी थी।

मनोहर थाना अस्पताल के अनुसार पाँच  बच्चों की मौत मौके पर ही हो गयी थी, वहीं दो ने इलाज के दौरान दम तोड़ा।  28 घायलों में से 9 गंभीर रूप से घायल हैं।  कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ कहते हैं,  “शिक्षा  विभाग को पहले ही निर्देश दे दिये गये थे कि जो भी जर्जर भवन हों , उन स्कूलों के उनकी छुट्टी कर दी जाये लेकिन इस स्कूल का नाम लिस्ट में था ही नहीं।” स्कूल के कुक व हेल्पर श्री लाल भील ने बताया कि करीब 3 दिन पहले स्कूल की 10 दिन की छुट्टी करने की बात सामने आयी थी लेकिन एक दिन की छुट्टी करके स्कूल को फिर खोल दिया गया।

इससे पहले कि घटना की जाँच द्वारा बच्चों की मौत के  जिम्मेदारों को ढूँढा जाता,  जाँच से पहले ही प्रशासन ने स्कूल की बची हुई बिल्डिंग को भी गिरवा दिया। जेसीबी कि मदद से से पहले मलबा हटाया, उसके बाद पूरी बिल्डिंग को भी गिरा दिया गया।

शिक्षा विभाग ने स्कूल क़ी  हैड मास्टर सहित 5 अध्यापकों को निलंबित कर दिया है। वहीँ घटना की जिम्मेदारी के सवाल पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसकी स्वयं जिम्मेदारी ली है। मानवाधिकार आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है।

हादसे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दुख जताया है।

 

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