सूरत. महानगरपालिका संचालित सरथाणा नेचर पार्क में एक मादा ऊदबिलाऊ ने एक साथ सात बच्चों को जन्म दिया है। 2008 में शुरू हुए ब्रीडिंग प्रोग्राम के इतिहास में आज तक ऊदबिलाऊ द्वारा एक से चार बच्चों को जन्म दिया गया था, लेकिन यह पहली बार है कि एक ही ऊदबिलाऊ ने एक साथ सात बच्चों को जन्म दिया है।
यह नेचर पार्क के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि पूरे भारत में किसी भी चिड़ियाघर ने अब तक जल बिल्लियों का इतना सफल प्रजनन दर्ज नहीं किया है। फिलहाल मादा ऊदबिलाऊ और उसके बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं। सभी बच्चे और उनकी मादा ऊदबिलाऊ को नेचर पार्क के पशु चिकित्सकों और कर्मचारियों की निरंतर निगरानी में रखा गया है। सूरत नेचर पार्क पिछले कुछ समय से अब ऊदबिलाऊ प्रजनन में एक मॉडल चिड़ियाघर बन गया है। नेचर पार्क के प्रभारी राजेंद्र पटेल ने बताया कि यह प्रयोग न केवल सूरत बल्कि पूरे पशु प्रेमी समाज के लिए प्रेरणादायक है। नए सात मेहमानों के आगमन से ऊदबिलाऊ की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
2006 की बाढ़ में बहकर आए थे दो ऊदबिलाऊ
वर्ष 2006 में तापी में आई बाढ़ में दो ऊदबिलाव बहते हुए अमरोली पहुंच गए थे। उन्हें सरथाणा नेचर पार्क में रखा गया था। सूरत के चिड़ियाघर में ऊदबिलाव के जोड़ों से उनका कुनबा लगातार बढ़ते जा रहा है। यह संख्या 50 पर पहुंच गई है।
सूरत के ऊदबिलाऊ की देशभर के चिड़ियाघरों में मांग
सूरत के ऊदबिलाव की देशभर के चिड़ियाघरों में भारी मांग है। पिछले 8 साल में 17 ऊदबिलाव अलग-अलग चिड़ियाघरों को दिए जा चुके हैं। उसके बदले सूरत के चिड़ियाघर में सफेद बाघ, शेर, भालू समेत 63 पशु लाए गए हैं। चिड़ियाघरों में पशु-पक्षियों की अदला-बदली होती रहती है। इसी के अंतर्गत सूरत के ऊदबिलाव के बदले दूसरे चिड़ियाघरों से तोता, साही, नीलगाय लाए गए। इसके बाद 2020-21 में ऊदबिलाव के बदले रायपुर से दो शेर लाए गए। 2021-22 में राजकोट से दो ऊदबिलाव के बदले दो सफेद बाघ, दो सुनहरे तीतर, दो भेड़िए लाए गए। सूरत के चिड़ियाघर में ऊदबिलाव के लिए 7 पिंजरे बनाए गए हैं।