अहं शक्ति – अ मुवमेंट फॉर वुमेन
गुजरात की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल के तहत सूरत की महिलाओं का सम्मान
सूरत, अगस्त 28, 2024 – अहं शक्ति – अ मुवमेंट फॉर वुमेन – महिला सशक्तिकरण का जश्न मनाने वाला परिवर्तनकारी कार्यक्रम 28 अगस्त को सूरत में आयोजित किया गया । कार्यक्रम में 15 प्रेरक महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण मेहनत और समर्पण दिखाया है।
इस सेमिनार में केशोद के अवनिया गांव की मूल निवासी और हाल में UAE स्थित रचना सलून की स्थापक रचना ठक्कर ने अपनी प्रेरक यात्रा के बारे में बताया । उन्होंने कहा की , ”साल 1980 में यूएई में मैंने अपने घर से मेहंदी लगाने के काम से अपने करियर की शुरुआत की थी। मेरा ब्रांड ‘अरेबिक मेंहदी’ विश्व प्रसिद्ध है। UAE में हर शाही परिवार की शादियों में मेहंदी लगाने से लेकर पूरे संयुक्त अरब अमीरात में 14 सलून विकसित करके , 2000 से अधिक महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है । मेरा निरंतर यही प्रयास है की महिलाए सशक्त और आत्मनिर्भर बने ।”
रचना ठक्कर रचना ग्रुप ऑफ सलून एंड स्पा की मालिक हैं और पिछले चार दशकों से 12 सलून्स का कार्यभार सक्षमता से संभाल रही हैं। GRAYMATTER’S द्वारा घोषित मिडल ईस्ट और अफ्रीका की 100 सबसे प्रभावशाली भारतीय महिलाओं में उनको शामिल किया गया है। GCC में उन्हें चार दशकों से मेहंदी क्वीन के नाम से जाना जाता है। वह महिला सशक्तिकरण की समर्थक हैं और उन्होंने हजारों महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ आवास, भोजन और परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
गुजरात में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल के बारे में बात करते हुए लेखक और प्रेरक वक्ता कुलदीपसिंह कलेर ने कहा कि, “महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का हमारा प्रयास है। यह महिलाओं को समर्थन, प्रेरणा और उचित मार्गदर्शन के माध्यम से उनकी संपत्ति और क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने में सक्षम बनाने और उन्हें समाज में समान अवसर प्रदान करके आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान करने की एक मुहिम है।
अहं शक्ति – अ मुवमेंट फॉर वुमेन – कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं का सम्मान , समाज में अनगिनत महिलाओं को साहस और प्रेरणा देता है।
अहं शक्ति व्याख्यान श्रृंखला का पहला सेमिनार अहमदाबाद में आयोजित किया गया। आने वाले दिनों में सूरत के अलावा बड़ौदा और राजकोट में भी अहं शक्ति कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सूरत में आयोजित अहं शक्ति कार्यक्रम में सम्मान पाने वाली बहनों की सूची इस प्रकार है – हिना ठक्कर, जयश्री ठक्कर, मीना अधिया, बीना गजेरा, सोनल मेर, नर्मदा पारधी, कैलास जानी, आरती पाटिल, व्रजलता मियानी, भारती पटेल, लीला कोटडिया, किंजल वामजा और वर्षा डोबरिया। ये सूरत की वो महिलाए जो छोटे स्तर से शुरुआत कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
आरती पाटिल, हेल्दी बाइट, अंकलेश्वर।
आज से दो साल पहले, आरती पाटिल ने अंकलेश्वर जीआईडीसी में फ्रूट डिश और सलाड स्टॉल शुरू किया था। आज, आरती बहन का स्टार्ट-अप हेल्दी बाइट अंकलेश्वर में प्रसिद्ध है, और वे अब स्टोल से आउटलेट में स्थानांतरित हो गए हैं।
व्रजलताबहन मियाणी
दोनों पैरों में पोलियो जैसी शारीरिक सीमाएं भी व्रजलता बहन को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकीं। व्रजलता बहन ने अपनी सभी शारीरिक मुश्किलों को परे रखकर आत्मनिर्भर बनने का निर्णय लिया। वह घर से ही इमिटेशन आभूषणों का कारोबार चलाते है। थोक बाज़ार में जाना, व्यापारियों से लेन-देन करना, व्रजलता बहन सब कुछ अकेले ही करती हैं। गौरतलब है कि उनके पति को भी दोनों पैरों में पोलियो है, यह परिवार हम सभी के लिए प्रेरणा है जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
भारतीबहन पटेल, विजय कोको।
ठंडे कोको के प्रति सुरतवासीओ के प्रेम को देखकर भारतीबहन पटेल ने घर से ही ठंडा कोको बेचना शुरू कर दिया। बिजनेस में सफलता मिलने के बाद उनके इंजीनियर बेटे ने भी नौकरी छोड़ दी और कोल्ड कोको बिजनेस से जुड़ गए। घर से प्रति रोज लगभग 200 लीटर ठंडा कोको बेचने वाली भारती बहन आज सूरत में ठंडे कोको का एक प्रसिद्ध ब्रांड बन गई है।
लीलाबहन कोटडिया, लीलाबहन छाश मसाला
लीलाबहन की जिंदगी काफी संघर्ष से गुजर रही है. पति के ब्रेन स्ट्रोक के कारण दो बेटियों और एक बेटे समेत पूरे परिवार की जिम्मेदारी लीलाबहन पर आ गई। परिवार का पेट पालने के लिए लीलाबहन ने छाश मसाला बेचना शुरू किया। इस काम में लीला बहन का बीकॉम में पढ़ने वाला बेटा उनकी मदद करता है। लीलाबहन छाश मसाला नामक उनका छाश मसाला बहुत लोकप्रिय है।
वर्षा डोबरिया, खोडल आर्ट
वर्षाबहन गुजरात की पारंपरिक मोती वर्क कला के लिए खूबसूरत काम कर रही हैं। वह घर से ही खोडल आर्ट नाम से स्टार्टअप चलाते हैं। वे मोतियों से बने तोरण सहित कई चीजें बनाते हैं। वर्षा बहन के पड़ोश में रहने वाली 10 अन्य बहनें भी खोडल आर्ट से जुड़कर आत्मनिर्भर बन गई हैं।
किंजल वामजा, ब्राइटर बी
गणित विषय के नाम से डरने वाले स्कूली छात्रों के मन से गणित का डर दूर कर उन्हें गणित में मेधावी बनाने के लिए किंजल वामजा का स्टार्टअप बेहतरीन काम कर रहा है। किंजल बहन के कोचिंग सेंटर का नाम ब्राइटर बी है, जिसकी 30 शाखाएं खुल चुकी हैं। ब्राइटर बी के माध्यम से दक्षिण गुजरात में 250 से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं।