AM/NS India ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी के क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह से तैयार

नई दिल्ली, अप्रैल 16, 2025: आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS India) की मौजूदा और आगामी उत्पादन प्रणालियाँ व स्थिरता के प्रति प्रयास यह दर्शाते हैं कि कंपनी भारत सरकार की हाल ही में घोषित ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी के तहत बड़े पैमाने पर उत्पादन ‘ग्रीन स्टील’ के रूप में कर सकती है। यह टैक्सोनॉमी वर्ष 2026–27 से लागू होने की संभावना है। AM/NS India अब 3-स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए भी तैयार है और भारत की पहली एकीकृत स्टील कंपनी बनने की दिशा में अग्रसर है।

भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय ने दिसंबर 2024 में ‘ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी’ की घोषणा की थी, जिसे डिकार्बनाइजेशन के लक्ष्य और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती ग्रीन स्टील की मांग को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

इस टैक्सोनॉमी के अनुसार, यदि किसी स्टील उत्पादन संयंत्र में प्रति टन तैयार स्टील पर 2.2 टन से कम CO₂ समतुल्य उत्सर्जन (Emission Intensity) होता है, तो उस स्टील को ‘ग्रीन स्टील’ के रूप में मान्यता दी जाएगी। जो संयंत्र इससे अधिक उत्सर्जन करता है, वह ग्रीन रेटिंग के योग्य नहीं माना जाएगा। वहीं, कम उत्सर्जन करने वाले संयंत्रों को तीन, चार या पांच स्टार की ग्रीन रेटिंग दी जाएगी।

AM/NS India पिछले कई वर्षों से उत्सर्जन को कम करने के प्रयास में जुटी हुई है। वर्ष 2022–23 में कंपनी ने 2.17 tCO₂/tcs उत्सर्जन तीव्रता हासिल की थी, जो कि राष्ट्रीय औसत से 14% कम है। अब कंपनी का लक्ष्य वर्ष 2030 तक उत्सर्जन तीव्रता को 1.8 tCO₂/tcs तक लाने का है — जो कि 2021 के मानकों की तुलना में 20% की कमी दर्शाता है। वर्ष 2015 के बाद से कंपनी ने अपने कार्बन उत्सर्जन में 35% से अधिक की कटौती की है।

वर्तमान में AM/NS India की कुल उत्पादन क्षमता का 65% Direct Reduced Iron (DRI) तकनीक से होता है, जिसमें प्राकृतिक गैस का उपयोग होता है और जो तुलनात्मक रूप से कम कार्बन उत्सर्जन वाली प्रक्रिया है। कंपनी के मौजूदा विस्तार योजनाओं में भी ऐसी उन्नत तकनीकों का समावेश है, जो ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और उत्सर्जन को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।

ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी के लॉन्च के अवसर पर इस्पात सचिव संदीप पौंडरीक ने कहा था, “यह टैक्सोनॉमी कानूनी रूप से लागू की जाएगी। यह वर्ष 2030 तक उत्सर्जन को 2.2 tCO₂/tcs तक घटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भारतीय उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रखेगा।”

AM/NS India द्वारा ग्रीन स्टील की दिशा में उठाए गए प्रमुख कदम:
• आंध्र प्रदेश के कर्नूल में AM ग्रीन एनर्जी का नवीकरणीय हाइब्रिड प्रोजेक्ट शुरू हुआ है, जिसमें पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज के जरिए ऊर्जा को संग्रहित किया जाएगा और हजीरा संयंत्र को बिजली प्रदान की जाएगी। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ पर्यावरण और लागत दोनों में बचत होगी।
• महाराष्ट्र के खोपोली में एक नया स्क्रैप प्रोसेसिंग सेंटर चालू किया गया है और तीन अन्य सेंटर भी विकसित किए जा रहे हैं। ये केंद्र पुनर्चक्रण सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देंगे।
• उत्पादन दक्षता बढ़ाने के लिए डिजिटलीकरण और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जा रहा है, जिससे ऊर्जा और सामग्री की खपत में कमी आ रही है।

दिलीप ओम्मेन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS India) ने कहा, “जब भारत 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन के लिए डीकार्बनाइज़ेशन लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है, तभी दुनिया की पहली ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी स्थापित हुई है। यह महत्वपूर्ण पहल स्टील उद्योग को टिकाऊ प्रथाओं की ओर ले जाने के लिए स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करती है। AM/NS India इस दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और हमने जो पहल की है, वे हमें विश्वास देती हैं कि जब यह टैक्सोनॉमी लागू होगी, तब हम पूरी तरह से तैयार होंगे।”

AM/NS India के ग्रीन और विशेष स्टील उत्पाद ग्राहक कंपनियों को अधिक स्थायी सप्लाई चेन अपनाने में समर्थ बनाते हैं और निर्यात के नए रास्ते खोलते हैं। कंपनी पहले से ही भारत की सबसे कम कार्बन उत्सर्जन करने वाली स्टील उत्पादक कंपनियों में अग्रणी स्थान पर है।

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