
“अमेरिका का सबसे बड़ा घोटाला”: 2020 चुनाव पर फिर गरजे ट्रंप
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में कथित धाँधली को “अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला” करार देते हुए न्याय विभाग (DOJ) से जाँच की मांग की है। ट्रंप ने कहा कि यदि इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो “धाँधली आगामी मिडटर्म चुनावों में भी दोहराई जा सकती है।” उन्होंने कैलिफ़ोर्निया के प्रपोज़िशन-50 को भी “पूरी तरह धोखाधड़ी वाला प्रस्ताव” बताया।
वॉशिंगटन डीसी, 27 अक्टूबर 2025 ! संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में कथित धाँधली को “अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला” करार देते हुए न्याय विभाग (DOJ) से जाँच की मांग की है। ट्रंप ने कहा कि यदि इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो “धाँधली आगामी मिडटर्म चुनावों में भी दोहराई जा सकती है।”
राष्ट्रपति ने मेल-इन और शुरुआती मतदान को “बेईमान प्रथा” बताकर रोकने की वकालत की और मांग़ की कि वोट डालने के लिए फोटोयुक्त पहचान पत्र का चलन अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कैलिफ़ोर्निया के प्रपोज़िशन-50 को भी “पूरी तरह धोखाधड़ी वाला प्रस्ताव” बताया। इस प्रस्ताव में राज्य के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को नये नक्शे के आधार पर पुनर्निर्धारित करने की योजना है, जिससे रिपब्लिकन पार्टी के कब्जे वाली कम से कम पाँच प्रतिनिधि सभा सीटों पर विपरीत असर पड़ सकता है।
लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा है कि यह कदम टेक्सास जैसे रिपब्लिकन राज्यों में हो रही राजनीतिक सीमा-निर्धारण प्रक्रिया (पुनर्निर्धारण नीति या जेरिमैंडरिंग) का मुकाबला तथा इसे संतुलित करने के लिए आवश्यक है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस बैलेट पहल का समर्थन किया है, जिसके लिए मतदान 4 नवंबर को निर्धारित है जबकि शुरुआती मतदान पहले ही शुरू हो चुका है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए न्याय विभाग मतदान के दिन कैलिफ़ोर्निया की कई काउंटी में चुनाव पर्यवेक्षक भेजेगा।
डोनाल्ड ट्रंप, जो अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति भी थे, 2020 का चुनाव हार गये थे, जिसके बाद बाइडन एक कार्यकाल के लिए सत्ता में आये। इससे बाद ट्रंप 2024 में फिर से जीत गये। वे लगातार यह दावा करते रहे हैं कि 2020 का चुनाव, जिसमे बाइडेन जीते थे, उनके खिलाफ “धाँधली” का परिणाम था। यहाँ तक कि यह संकेत भी दिया कि वास्तव में उन्होंने चुनाव जीता था और वे लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पद पर हैं।
