अंकलेश्वर के उद्योगपतियों को सरकार से बजट में विशेष राहत की उम्मीद
नए उद्योगों को शुरू करने की प्रक्रिया आसान बनाने समेत कॉमेशियल टैक्स घटाने की आस
अंकलेश्वर. देश का आम बजट 1 फरवरी को पेश होने जा रहा है और एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र अंकलेश्वर के उद्योगपति इस बजट से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं। अंकलेश्वर, जो कि एक प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में जाना जाता है, यहां के उद्योगपति सरकार से खासतौर पर कुछ महत्वपूर्ण राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
अंकलेश्वर GIDC के उद्योगपतियों का मानना है कि सरकार ने पहले तो नए उद्योगों की शुरुआत के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की घोषणा की थी, लेकिन इसका वास्तविक कार्यान्वयन अब तक पूरी तरह से नहीं हो पाया है। वर्तमान में उद्योगों की शुरुआत या विस्तार के लिए जटिल सरकारी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, जिससे समय और पैसे की काफी बर्बादी होती है। उद्योगपतियों का कहना है कि अगर सरकार इन प्रक्रियाओं को सरल बनाए और समयबद्ध तरीके से सिंगल विंडो प्रणाली को लागू करे तो इससे उद्योगों के विकास में तेजी आएगी। इसके अलावा, उद्योगपतियों की सरकार से यह भी मांग है कि “स्टार्टअप इंडिया” और “मेक इन इंडिया” जैसी योजनाओं के तहत उद्योगों को अधिक छूट दी जाए। वे उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इन योजनाओं के माध्यम से उद्योगों को और भी अधिक लाभ देने के लिए कदम उठाएगी। इसके साथ ही, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर और एक्सपोर्ट नीति में भी सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है ताकि उद्योगों को और अधिक प्रोत्साहन मिल सके। अंकलेश्वर का रासायनिक क्लस्टर होने के कारण यहां के उद्योगपतियों को कच्चे तेल पर लगने वाले विभिन्न करों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी उत्पादन लागत बढ़ जाती है। इसके परिणामस्वरूप, कच्चे माल की कीमतें काफी महंगी हो जाती हैं। इस संदर्भ में उद्योगपतियों की मांग है कि सरकार कच्चे तेल पर लगने वाले करों को घटाकर राहत प्रदान करें। इसके अलावा, उद्योगों में उपयोग होने वाली प्राकृतिक गैस और डीजल पर भी वैट (VAT) लगाया जाता है। उद्योगपति चाहते हैं कि इन दोनों वस्तुओं को GST (Goods and Services Tax) के तहत शामिल किया जाए, ताकि इनकी कीमतों में कमी आए और उद्योगों के लिए संचालन आसान हो। वर्तमान में वैश्विक मंदी का असर स्थानीय उद्योगों पर भी पड़ रहा है, जिससे उन्हें विश्वभर के बाजारों में प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इस माहौल में उद्योगपति सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट में कॉर्पोरेट टैक्स में कमी की जाएगी, जिससे उन्हें राहत मिलेगी और वे अपने उत्पादन और व्यापार को बढ़ा सकेंगे। राजेश दूधात नामक एक उद्योगपति ने इस बारे में कहा कि “हम सरकार से आशा करते हैं कि इस बजट में विशेष रूप से हमारे उद्योग क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे।” प्रवीण तेरेइया जैसे अन्य उद्योगपतियों का भी कहना है कि, “बजट में राहत मिलने से उद्योगों को मजबूती मिलेगी और उत्पादन की लागत कम होने से हम और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं।” कुल मिलाकर, अंकलेश्वर के उद्योगपति इस बजट से बहुत उम्मीद लगाए बैठे हैं, और वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें कारोबार में आसानी और लागत में कमी प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए।