सूरत में एक और विश्व रिकॉर्ड का प्रयास
200 वर्ग मीटर में 18,400 सैनिटरी पैड की विश्व की सबसे बडी मोज़ेक इमेज बनाई
— मासिक धर्म स्वच्छता और बायोडिग्रेडेबल फ्रेंडली प्रोडक्ट के प्रमोशन के उद्देश्य से “कामाख्या इंडिया” संस्था का जागृति अभियान
— मोज़ेक बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए सभी पैड, विभिन्न गैर लाभकारी संगठनों के माध्यम से आदिवासी एवं ग्रामीण विस्तारों में वितरित किए जाएंगे
सूरत : स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता से जुड़ी “कामाख्या इंडिया” संस्था, सूरत में नया विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास कर रही है। वीआर सूरत में अंदाजित 18,400 सैनिटरी पैड का उपयोग करके सबसे बड़ी मोज़ेक इमेज बनाई गई है। “कामाख्या लोगो” के तौर पर लगभग 200 वर्ग मीटर में बनाई गई इस इमेज की रचना के पीछे मुख्य उद्देश्य मासिक धर्म स्वच्छता जागृति और बायोडिग्रेडेबल फ्रेंडली प्रोडक्ट का प्रमोशन करना है।
“शेड्स ऑफ़ रेड 2.0” शीर्षक के साथ 1-2 जून, 2024 को वीआर सूरत में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कामाख्या इंडिया की संस्थापक नंदिनी सुल्तानिया ने कहा कि, हमारी संस्था ग्रामीण एवं शहरी विस्तार में मासिक धर्म स्वच्छता और जागृति के लिए काम करती है। समाज एवं महिलाओं में मासिक धर्म को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हमने इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया है। यहां हमने 18,400 से ज्यादा सैनिटरी पैड का उपयोग करके मोज़ेक इमेज बनाई है। यह इमेज 52×40 वर्ग फीट यानी 200 वर्ग मीटर विस्तार में बनाई गई है, जो विश्व की सबसे बड़ी सैनिटरी पैड मोज़ेक इमेज है। “कामाख्या लोगो” के तौर पर बनाई इस इमेज में हमने बायोडिग्रेडेबल इको फ्रेंडली सेनेटरी पैड का उपयोग किया है।
यह उत्सव कार्यक्रम, यूनाइटेड नेरियन्स द्वारा सूचीबद्ध 17 सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है। इसकी तारीख 28 मई और 5 जून के बीच है, जो क्रमशः मासिक धर्म स्वच्छता दिवस और विश्व पर्यावरण दिवस है। आयोजन के दौरान हमने इन दोनों विषय और इसके महत्व पर प्रकाश डाला है। इस इवेंट को वीकेंड में आयोजित करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य, इस कार्यक्रम को टॉक ऑफ़ द टाउन बनाना और मासिक धर्म को लेकर भ्रांति-शर्म दूर करना तथा मासिक धर्म स्वच्छता व जागृति फैलाना है। दो दिवसीय इस कार्यक्रम के साथ हम यहां संबंधित मनोरंजक कार्यक्रम का भी आयोजन कर रहे हैं। यहां मोज़ेक बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए तमाम पैड, विभिन्न गैर लाभकारी संगठनों द्वारा आदिवासी एवं ग्रामीण विस्तारों में वितरित किए जाएंगे।
नंदिनी सुल्तानिया ने आगे कहा कि, हम इस इवेंट को जागृति अभियान और उत्सव की तरह मना रहे हैं। जिसमें विभिन्न गैर-लाभकारी, वाणिज्यिक संगठन आदि विभिन्न इंटरैक्टिव गतिविधियों और कार्यशालाओं के माध्यम से प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसका अंततः लक्ष्य पर्यावरण के अनुकूल और न्यायसंगत भविष्य को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम के दौरान नंदिनी सुल्तानिया और अंजना पटोदिया ने सेनेटरी पैड, मासिक धर्म स्वच्छता एवं बायोडिग्रेडेबल पेड़ के उपयोग के लिए प्रेरक संबोधन दिया। यहां एक प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया। जिसका संचालन कामाख्या इंडिया की निदेशक अरूषा रेलन और आरती गंगवाल ने किया।